वाशिंगटन, 27 फरवरी (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि प्रस्तावित ‘गोल्ड कार्ड’ पहल से अमेरिकी कंपनियों को हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड जैसे शीर्ष अमेरिकी विश्वविद्यालयों से भारतीय स्नातकों को नियुक्त करने की अनुमति मिलेगी।
ट्रंप ने बुधवार को धनी विदेशियों के लिए ‘गोल्ड कार्ड’ पहल की शुरुआत की, जिसके तहत 50 लाख अमेरिकी डॉलर के शुल्क के बदले उन्हें अमेरिका में रहने और काम करने का अधिकार दिया जाएगा तथा नागरिकता की पेशकश की जाएगी।
‘सीएनएन’ की खबर के मुताबिक, ट्रंप ने कहा, ‘‘हम ‘गोल्ड कार्ड’ की बिक्री करने जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपके पास ‘ग्रीन कार्ड’ है। यह एक ‘गोल्ड कार्ड’ है। हम इस कार्ड की कीमत लगभग 50 लाख अमेरिकी डॉलर रखने जा रहे हैं और इससे आपको ग्रीन कार्ड के विशेषाधिकार मिलेंगे, साथ ही यह अमेरिकी नागरिकता पाने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। इस कार्ड के जरिये अमीर लोग अमेरिका का रुख करेंगे।’’
ट्रंप ने कहा कि मौजूदा आव्रजन प्रणाली ने शीर्ष अंतरराष्ट्रीय प्रतिभाओं, खासकर भारतीय को, अमेरिका में रहने और काम करने से रोक दिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘कोई व्यक्ति भारत, चीन, जापान और अन्य देशों से आता है, हार्वर्ड या व्हार्टन स्कूल ऑफ फाइनेंस में पढ़ाई करता है… उन्हें नौकरी के अवसर मिलते हैं, लेकिन यह अवसर प्रभावित होते हैं क्योंकि इस बारे में कोई निश्चितता नहीं होती कि वह व्यक्ति देश में रह सकता है या नहीं।’’
ट्रंप ने कहा कि इसकी वजह से कई प्रतिभाशाली स्नातक, जिन्हें अमेरिका छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा, अपने देश में सफल उद्यमी बन गए। उन्होंने कहा, ‘‘वे भारत या अपने देश लौटते हैं, व्यवसाय शुरू करते हैं और अरबपति बन जाते हैं, हजारों लोगों को रोजगार देते हैं।’’
ट्रंप ने कहा कि कोई कंपनी ‘गोल्ड कार्ड’ खरीद सकती है और इसका इस्तेमाल इस तरह के स्नातकों की भर्ती में कर सकती है।