महाकुंभ ने प्रयागराज, अयोध्या, काशी, मथुरा, गोरखपुर को नए पंच तीर्थ के रूप में जोड़ा : आदित्यनाथ

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लखनऊ, 25 फरवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधान परिषद में कहा कि महाकुंभ ने प्रयागराज, अयोध्या, काशी, मथुरा, गोरखपुर को नए पंच तीर्थ के रूप में जोड़ा है तथा प्रदेश अब नए युग की ओर अग्रसर हो रहा है।

विधानमंडल बजट सत्र के छठवें दिन विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के आयोजन को लेकर विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा कि महाकुंभ में सभी को अपनी दृष्टि के अनुरूप चीजें देखने मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘महाकुंभ दुनिया में अब तक हुए सभी आयोजनों के रिकॉर्ड तोड़ रहा है। प्रयागराज महाकुंभ ने प्रदेश में नए पंच तीर्थ को जोड़ा है, जिसके माध्यम से श्रद्धालु प्रयागराज, अयोध्या, काशी, गोरखपुर, मथुरा दर्शन करने लिए पहुंच रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि जब पूरा विश्व प्रयागराज के महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता का साक्षी बन रहा है, तब विपक्ष सिर्फ आलोचना करने में व्यस्त है। उन्होंने कहा ‘‘यह कोई साधारण आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सनातन परंपरा, आस्था और संस्कृति का वह महोत्सव है, जिसने देश की प्रतिष्ठा को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।’’

मुख्यमंत्री ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि अब तक 64 करोड़ श्रद्धालु इस दिव्य आयोजन में शामिल हो चुके हैं, जो विश्व के किसी भी धार्मिक आयोजन में शामिल होने वाले लोगों की संख्या से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आज एक नए युग की ओर बढ़ रहा है।

आदित्यनाथ ने कहा कि महान कार्यों के प्रति समाज का रवैया तीन चरणों से गुजरता है – उपहास, विरोध और अंततः स्वीकृति। उन्होंने कहा ‘‘राम मंदिर निर्माण और महाकुंभ आयोजन के दौरान भी यही देखने को मिला। पहले विपक्ष ने तंज कसे, फिर विरोध किया, लेकिन अंततः वे भी इसी आस्था में समर्पित हो गए।’’

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं संगम में स्नान कर आए, और नेता प्रतिपक्ष ने खुद को पहले सनातनी बताया, बाद में समाजवादी। ‘‘यह उनकी स्वीकृति का प्रमाण है।’’

योगी ने महाकुंभ की तुलना दुनिया के अन्य धार्मिक आयोजनों से करते हुए कहा कि मक्का में हज के दौरान 1.4 करोड़, वेटिकन सिटी में साल भर में 80 लाख, जबकि अयोध्या धाम में मात्र 52 दिनों में 16 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे।

उन्होंने कहा ‘‘इसी तरह, काशी, मथुरा-वृंदावन और अन्य तीर्थों में भी करोड़ों श्रद्धालु पहुंचे, जिससे यह साबित हुआ कि भारत की सनातन परंपरा केवल धार्मिक मान्यताओं तक सीमित नहीं, बल्कि विश्व संस्कृति की आधारशिला है। ’’

उन्होंने कटाक्ष किया कि कुछ लोग हर बार महाकुंभ को बदनाम करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस आयोजन ने हर नकारात्मक प्रचार को ध्वस्त कर दिया।

आदित्यनाथ ने गंगाजल की शुद्धता पर सवाल उठाने वालों को भी कड़ा जवाब दिया।

उन्होंने विपक्ष पर प्रयागराज महाकुंभ को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर झूठा प्रचार किया गया। ‘‘कुछ लोगों ने दावा किया कि गोरखपुर-बस्ती मंडल के 35 लोग लापता हैं, लेकिन वे सभी सुरक्षित अपने घर लौट आए।’’

उन्होंने दावा किया कि श्रद्धालु 12-12 दिन तक कुंभ में घूमते रहे, भंडारों में भोजन किया और आश्रमों में विश्राम किया।

योगी ने स्पष्ट किया कि प्रयागराज का मेडिकल कॉलेज पूरे जनपद का है और कुंभ क्षेत्र अस्थायी जनपद के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा ‘‘इसलिए वहां होने वाली किसी भी दुर्घटना या मृत्यु की जानकारी मेडिकल कॉलेज में दर्ज होती है। कुछ लोगों ने इस तथ्य को तोड़-मरोड़ कर हजारों मौतों की अफवाह फैलाई, जबकि डिजिटल कुंभ प्रणाली ने 28,000 बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाया।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष भाजपा से विरोध करते-करते भारत विरोधी मानसिकता अपना लेता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और सपा ने ऐतिहासिक स्थलों के नाम बदलने में भेदभाव किया और सामाजिक न्याय की बात करने वालों ने ही महापुरुषों के नाम हटाए।

उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने प्रयागराज में 12 नए स्मारक, 200 सड़कों, 14 फ्लाईओवर और बेहतर कनेक्टिविटी से महाकुंभ को ऐतिहासिक बनाया।

मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष के आचरण पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष का आचरण किसी भी आदर्श लोकतंत्र को स्वीकार नहीं होगा।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, आदित्यनाथ ने कहा कि राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद के प्रति जो अशोभनीय भाषा और नारेबाजी का इस्तेमाल किया गया, वह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।

उन्होंने कहा ‘‘संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने हमें जो लोकतांत्रिक व्यवस्था दी है, उसका सम्मान करना सभी दलों का कर्तव्य है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी का यह आचरण लोकतंत्र और संविधान, दोनों के ही विरुद्ध है तथा एक आदर्श लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसे आचरण को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

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