पाकिस्तान के लिए भारत की ‘बी’ टीम को हराना मुश्किल होगा: गावस्कर

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नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर होने के एक दिन बाद भी पाकिस्तान की क्रिकेट टीम की तीखी आलोचना हो रही है और महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने कहा कि उनको दूसरी श्रेणी की भारतीय टीम को हराने में भी संघर्ष करना पड़ेगा।

2023 वनडे विश्व कप के फाइनल तक पहुंचने वाले भारत ने रविवार को दुबई में चैंपियंस ट्रॉफी में गत चैंपियन पाकिस्तान को छह विकेट से हराते हुए अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पर दबदबा कायम रखा।

गावस्कर ने ‘स्पोर्ट्स टुडे’ पर कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत की ‘बी’ टीम भी निश्चित रूप से पाकिस्तान को कड़ी टक्कर दे सकती है। ‘सी’ टीम के बारे में मैं निश्चित नहीं हूं। लेकिन मौजूदा फॉर्म को देखते हुए पाकिस्तान के लिए भारत की ‘बी’ टीम को हराना बहुत मुश्किल होगा। ’’

पाकिस्तान 1996 के बाद पहली बार आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है और वह न्यूजीलैंड के ग्रुप ए के एक अन्य मैच में बांग्लादेश पर मिली जीत से चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर हो गया। पाकिस्तानी टीम ने अभी तक एक भी मैच नहीं जीता है।

पाकिस्तान ने 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी लेकिन इसके बाद से उसके क्रिकेट के स्तर में गिरावट आई है, टीम पिछले दो वनडे विश्व कप में पांचवें स्थान पर रही थी।

गावस्कर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ‘बेंच स्ट्रेंथ में कमी आश्चर्यजनक है। पाकिस्तान में हमेशा से ही नैसर्गिक प्रतिभायें निकलती रही हैं। नैसर्गिक इस मायने में कि वे हमेशा तकनीकी रूप से सही नहीं हों, लेकिन उनके पास बल्ले और गेंद की सहज समझ थी। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए इंजमाम उल हक को देखें। अगर आप उनके ‘स्टांस’ को देखें तो आप किसीयुवा बल्लेबाज को ऐसा करने की सलाह नहीं देंगे। लेकिन उनका बल्लेबाजी का तरीका अच्छा था जिससे उन्होंने किसी भी तकनीकी कमी की भरपाई कर दी। ’’

गावस्कर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) और सफेद गेंद के घरेलू टूर्नामेंट के बावजूद पाकिस्तान ने बेहतरीन खिलाड़ी तैयार करने के लिए संघर्ष कर रहा है।

पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘भारत ने सफेद गेंद के क्रिकेट में इतने सारे युवा सितारे कैसे तैयार किए हैं? यह आईपीएल की वजह से है। भारतीय खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी और अंततः भारत के लिए खेलने गए हैं। पाकिस्तान क्रिकेट को इसका विश्लेषण करना चाहिए। उन्हें यह पता लगाने की जरूरत है कि उनके पास अब वह ‘बेंच स्ट्रेंथ’ क्यों नहीं है जो पहले थी। ’’

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