नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने देश में इंटरनेट की कीमतों को विनियमित करने के अनुरोध वाली याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया।
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने रजत नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं के पास इंटरनेट सेवाओं का लाभ उठाने के लिए कई विकल्प हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘ यह मुक्त बाजार है। यहां कई विकल्प हैं। बीएसएनएल और एमटीएनएल भी आपको इंटरनेट दे रहे हैं।’’
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि अधिकांश बाजार हिस्सेदारी पर जियो और रिलायंस का नियंत्रण है।
इस पर पीठ ने कहा, ‘‘ यदि आप ‘कर्टेलाइजेशन’ का आरोप लगा रहे हैं तो भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के पास जाइये।’’
हालांकि, शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि याचिकाकर्ता कोई उचित वैधानिक उपाय अपनाना चाहता है तो वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है।