नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) भारती समूह के चेयरमैन सुनील मित्तल ने शुक्रवार को कहा कि ग्रामीण तथा दुर्गम क्षेत्रों में उपग्रह संपर्क के लिए स्पेक्ट्रम साझा आधार पर दिया जा सकता है, लेकिन जब शहरी क्षेत्रों की बात आती है तो भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) और सरकार को एक ऐसी नीति लाने की जरूरत है जो रेडियो तरंगों के आधार पर सेवा देने वालों के साथ भेदभाव न करे।
मित्तल ने कहा कि दुर्गम व वंचित क्षेत्रों में सेवा प्रदान करने के लिए उपग्रह संपर्क की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इसका पूरी तरह स्वागत करते हैं।’’
दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज मित्तल ने ‘एसओयूएल लीडरशिप कॉन्क्लेव’ 2025 के अवसर पर यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘ दुनिया के ऐसे कई स्थान हैं और कई लोग अब भी दुर्गम क्षेत्रों में रह रहे हैं, जहां तक पहुंचने जरूरत है। ऐसा करने का एकमात्र तरीका उपग्रह ब्रॉडबैंड संपर्क है।’’
मित्तल ने कहा, ‘‘ हम अग्रणी कंपनियों में से एक हैं और अपनी मंजूरियों की प्रतीक्षा कर रहे हैं और हम पहले से ही दुनिया के कई हिस्सों में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इसलिए मुझे लगता है कि यह एक शानदार पहल है और हमने पहले ही इसके लिए अनुमति मांगी है… जैसे ही हमें हरी झंडी मिलेगी, हम अपनी सेवाएं शुरू कर देंगे।’’
मित्तल ने कहा कि समूह इस बात पर बहुत स्पष्ट है कि सभी ग्रामीण, दुर्गम क्षेत्रों के लिए स्पेक्ट्रम साझा आधार पर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘ केवल शहरी क्षेत्रों में, ट्राई और दूरसंचार विभाग (डीओटी) को ऐसी नीति लाने की जरूरत है जो रेडियो तरंगों के आधार पर सेवा प्रदाताओं के साथ भेदभाव न करे।’’
इससे पहले सम्मेलन में एक सत्र में मित्तल ने कहा कि इसमें तीन-चार कंपनियां होनी चाहिए। भारत में दुनिया में सबसे कम दूरसंचार दरें हैं, जहां उपयोगकर्ता ढाई से तीन डॉलर में 30-60 जीबी डेटा प्रति माह का आनंद ले सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि देश की सेवा के लिए बीएसएनएल सहित तीन से चार संचालक होंगे… मेरा मानना है कि सही संख्या तीन से चार है, इससे अधिक नहीं।’’