मुंबई, 21 फरवरी (भाषा) वाहन शेयरों में बिकवाली और विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी जारी रहने से प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए।
अमेरिकी बाजारों में कमजोर रुख और शुल्क लगाने की चेतावनियों ने भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया।
इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 424.90 अंक यानी 0.56 प्रतिशत गिरकर 75,311.06 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 623.55 अंक यानी 0.82 प्रतिशत टूटकर 75,112.41 पर आ गया था।
इस तरह, एनएसई निफ्टी 117.25 अंक यानी 0.51 प्रतिशत गिरकर 22,795.90 पर आ गया।
चार कारोबारी दिनों में बीएसई सेंसेक्स 685.8 अंक टूटा जबकि निफ्टी में 163.6 अंक या 0.71 प्रतिशत की गिरावट आई।
सेंसेक्स के शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा में छह प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। इसके अलावा अदाणी पोर्ट्स, टाटा मोटर्स, सन फार्मा, पावर ग्रिड, जोमैटो, आईसीआईसीआई बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और अल्ट्राटेक सीमेंट भी नुकसान में बंद हुए।
दूसरी ओर लाभ में रहने वाले शेयरों में टाटा स्टील, लार्सन एंड टूब्रो, एचसीएल टेक, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी शामिल हैं।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा कि एफआईआई की लगातार निकासी, रुपये में गिरावट, महंगे मूल्यांकन और अमेरिका के शुल्क लगाने की आशंका जैसे नकारात्मक कारकों के चलते निवेशक भारतीय शेयर बाजारों से दूर हैं।
उन्होंने कहा कि स्थानीय शेयर बाजारों ने एशियाई और यूरोपीय बाजारों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 3,311.55 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजार में व्यापक आधार पर कमजोरी जारी रही, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख को लेकर निवेशकों की चिंता थी। अगर अमेरिका में लंबे समय तक ब्याज दरें अधिक रहीं, तो उभरते बाजारों में नकदी बाधित हो सकती है।
उन्होंने कहा, ”भारत फिलहाल अपने एशिया के अन्य उभरते देशों से पीछे है, क्योंकि एफआईआई निकासी अधिक बनी हुई है। ‘भारत में बेचो, चीन में खरीदो’ की रणनीति फिलहाल लाभ दे रही है।”
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कास्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त के साथ बंद हुए।
यूरोपीय बाजार भी ज्यादातर तेजी के साथ बंद हुए। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को गिरावट के साथ बंद हुए।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.59 प्रतिशत गिरकर 76.05 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।