भारत को आने वाले वर्षों में 20,000 पायलट की जरूरत होगी : नागर विमानन मंत्री

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नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बृहस्पतिवार को भारत को दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में से एक बताते हुए कहा कि देश में बढ़ती हवाई यात्रा की मांग को पूरा करने के लिए आने वाले वर्षों में कम से कम 20,000 पायलटों की जरूरत होगी।

‘उड़ान भवन’ में पायलटों के लिए ‘इलेक्ट्रॉनिक पर्सनेल लाइसेंस’ (ईपीएल) की शुरुआत करने के बाद वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि विमानन क्षेत्र हमेशा से संपर्क, आर्थिक वृद्धि और प्रौद्योगिकी की रीढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्ष में देश में 50 और हवाई अड्डे होंगे। पिछले 10 साल में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी होकर 157 हो गई है।

नायडू ने कहा, ‘‘ हम एक बहुत महत्वाकांक्षी आंकड़े की ओर बढ़ रहे हैं… यदि आप विमानन क्षेत्र को देखें, तो हमारे पास 1,700 विमान के ऑर्डर हैं जो भारतीय बेड़े में आने वाले हैं। आने वाले दिनों में हम इतनी अधिक वृद्धि देखेंगे…निकट भविष्य में कम से कम 20,000 पायलट की आवश्यकता होगी।’’

मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है।

नायडू ने कहा, ‘‘ईपीएल की शुरुआत के साथ, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि पायलट अब अपने लाइसेंस को अधिक आसानी और दक्षता के साथ प्राप्त कर सकें। यह पहल भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप है, जो नागरिकों और बड़े पैमाने पर उद्योग के मुनाफे के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दृढ़ करती है।’’

ईपीएल की शुरुआत के साथ ही भारत चालक दल के सदस्यों के लिए ईपीएल लागू करने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है। चीन पहले ही ऐसी सुविधा लागू कर चुका है।

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक पर्सनेल लाइसेंस (ईपीएल) का कार्यान्वयन सरकार की कारोबार सुगमता तथा डिजिटल इंडिया पहल के अनुरूप है।

ईपीएल को अपनाने से विमानन नवोन्मेषण में भारत की अग्रणी स्थिति और मजबूत हुई है। इससे भारत ने न केवल अपने विमानन क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा किया है, बल्कि अन्य देशों के लिए अनुकरणीय मिसाल भी पेश की है।

इसके बाद, मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि पायलट अब ईजीसीए ऐप के जरिये किसी भी समय अपने लाइसेंस तक सुरक्षित पहुंच कायम कर सकते हैं।

उन्होंने लिखा, ‘‘ यह सुरक्षा, अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाने और हमें वैश्विक सर्वोत्तम व्यवहार के साथ जोड़ भारतीय विमानन के लिए एक बड़ा परिवर्तन है। ’’

नागर विमानन सचिव वुमलुनमंग वुअलनम और डीजीसीए के महानिदेशक (डीजी) फैज अहमद किदवई भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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