अमेरिका से 116 निर्वासित लोगों के दूसरे जत्थे को लेकर अमृतसर पहुंचा विमान
Focus News 16 February 2025 0
अमृतसर/चंडीगढ़, अमेरिका से 116 अवैध प्रवासियों को लेकर एक विमान शनिवार देर रात अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि विमान रात 10 बजे के अपेक्षित समय के बजाय रात 11 बजकर 35 मिनट पर हवाई अड्डे पर उतरा।
यह अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई के तहत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन द्वारा पांच फरवरी के बाद निर्वासित किया गया भारतीयों का दूसरा जत्था है।
यह तत्काल पता नहीं चल पाया कि निर्वासित लोगों को पहले जत्थे की तरह बेड़ियां पहनाई गई थीं या नहीं।
इनमें पंजाब से संबंध रखने वाले लोगों को आव्रजन संबंधी और पृष्ठभूमि की जांच के बाद रविवार तड़के करीब साढ़े चार बजे पुलिस की गाड़ियों में उनके घर पहुंचाया गया। हरियाणा सरकार ने भी राज्य से निर्वासित लोगों के लिए परिवहन की व्यवस्था की।
अवैध प्रवासियों के पहले जत्थे को पांच फरवरी को निर्वासित किया गया था। इनमें से अधिकतर लोग पंजाब के थे। कई लोगों ने कहा था कि वे अपने परिवारों के लिए बेहतर जीवन की खातिर अमेरिका जाना चाहते थे लेकिन उनके एजेंट ने उन्हें धोखा दिया।
हालांकि, उनके सपने तब टूट गए जब उन्हें अमेरिकी सीमा पर पकड़ लिया गया और बेड़ियों में जकड़कर वापस भेज दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक, दूसरे जत्थे में निर्वासित लोगों में पंजाब से 65, हरियाणा से 33, गुजरात से आठ, उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से दो-दो तथा हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू-कश्मीर से एक-एक व्यक्ति शामिल है।
सूत्रों के अनुसार, अधिकतर निर्वासित लोग 18 से 30 वर्ष की आयु के हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 157 निर्वासितों को लेकर तीसरे विमान के 16 फरवरी को भारत पहुंचने की संभावना है।
इससे पहले, पांच फरवरी को 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा था। इनमें से 33-33 हरियाणा और गुजरात से थे, जबकि 30 पंजाब से थे।
निर्वासित लोगों के परिजनों ने बताया कि उन्होंने कृषि भूमि और मवेशियों को गिरवी रखकर धन जुटाया ताकि उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए विदेश भेजा जा सके।
निर्वासित गुरजिंदर सिंह (27) के एक रिश्तेदार ने संवाददाताओं को बताया कि उनके परिवार ने उसे विदेश भेजने के लिए एक एकड़ जमीन बेची और करीब 50-55 लाख रुपये खर्च किए।
गुरजिंदर के रिश्तेदार ने कहा, ‘‘ट्रैवल एजेंट ने उसे कानूनी तरीके से भेजने का वादा किया था, लेकिन बाद में वह उसे ‘डंकी’ (अवैध) मार्ग से ले गया।’’
होशियारपुर जिले के टांडा क्षेत्र के कुराला कलां गांव निवासी दलजीत सिंह के परिवार ने कहा कि एक ‘ट्रैवल एजेंट’ ने उनके साथ धोखाधड़ी की है।
दलजीत की पत्नी कमलप्रीत कौर ने आरोप लगाया कि उनके पति को ‘ट्रैवल एजेंट’ ने धोखा दिया, जिसने उन्हें अमेरिका के लिए सीधी उड़ान का वादा किया था, लेकिन इसके बजाय उन्हें अवैध तरीके से ले गया।
पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने हवाई अड्डे पर कुछ निर्वासितों से मुलाकात की।
धालीवाल ने उनसे कहा कि राज्य सरकार चट्टान की तरह उनके साथ खड़ी है। उन्होंने उनसे हिम्मत न हारने को कहा।
निर्वासितों में से एक व्यक्ति ने धालीवाल को बताया कि उसने और उसके रिश्ते के भाई ने अमेरिका पहुंचने के लिए 40-40 लाख रुपये खर्च किए। दोनों पंजाब के गुरदासपुर जिले के कलानौर के पास एक गांव के रहने वाले हैं।
धालीवाल ने कहा कि सरकार युवाओं को ठगने वाले ‘ट्रैवल एजेंट’ को सलाखों के पीछे भेजेगी और उन्होंने निर्वासितों से आगे आकर अपनी शिकायत दर्ज कराने का आग्रह किया।
उन्होंने पड़ोसी राज्य हरियाणा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पिछली बार की तरह इस बार भी उसने निर्वासित लोगों के लिए कैदियों को ले जाने में इस्तेमाल की जाने वाली दो बस भेजीं।
धालीवाल ने कहा, ‘‘मैं परिवहन मंत्री अनिल विज से अनुरोध करता हूं कि उन्हें कैदियों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बस नहीं भेजनी चाहिए। इसके अलावा, हरियाणा सरकार का कोई भी मंत्री निर्वासित लोगों को लेने के लिए हवाई अड्डे पर मौजूद नहीं था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पवित्र शहर को निर्वासन केंद्र न बनाएं।’’
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी हवाई अड्डे पहुंचे।
मान ने कहा कि उनकी सरकार ने पंजाब के निवासियों को उनके गृहनगरों तक पहुंचाने की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके प्रशासन ने हरियाणा से निर्वासित लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की भी पेशकश की है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका से निर्वासित किए गए अन्य राज्यों के लोग रविवार सुबह विमान से अमृतसर से दिल्ली पहुंचेंगे और फिर उन्हें उनके घरों तक ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उन सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है।