जॉर्डन और इस्राइल के मध्य स्थित 48 मील लंबा और 14 मील चौड़ा एक सागर है। इसे मृत सागर कहते हैं। यह संसार का सबसे खारा समुद्र है। इसकी गहराई लगभग 1300 फुट है। अनुमान है कि इस समुद्र का पूरा नमक निकालना संभव हो तो उसका वजन करीब 5 करोड़ टन होगा। नमक की मात्रा अधिक होने के कारण इसके पानी का घनत्व अन्य समुद्रों के पानी के घनत्व का दोगुना है। यह अत्यधिक रोचक बात है कि कोई इस समुद्र में डूबना चाहे तो डूब नहीं सकता क्योंकि नमक की असाधारण मात्रा के कारण इसका पानी बहुत भारी है। इस कारण इसमें आसानी से तैरा जा सकता है। बताया जाता है कि मृत सागर के पानी में पोटाश, ब्रोमाइड कम्पाउंड, क्लोरीन आदि कई खनिजों की मात्रा इतनी अधिक है कि मृत सागर का पानी अन्य सागरों के मुकाबले 28 गुना भारी है। इस समुद्र में मछलियां आदि कोई जलचर प्राणी नहीं हैं और न ही कोई वनस्पति है। ऐसा माना जाता है कि इसके पानी में तमाम रोगों को ठीक करने की क्षमता है, इसलिए दूर-दूर से तमाम मरीज इस सागर में आकर तैरते हैं। दुनिया भर के पर्यटक यहां आकर इसे निहारते हैं और समुद्र में घुसते हैं। इसमें जलचरों व वनस्पति के न होने के कारण ही इसका नाम मृत सागर पड़ा। अलबत्ता यह मानव के लिए प्रकृति का अनोखा वरदान है।