गरीब के घर का डाक्टर – गिलोय

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यूं तो गिलोय की बेल के पत्ते पान के पत्ते की भांति ही दिखलाई देते हैं मगर ये हमारे शरीर के लिए इतने अधिक लाभकारी होते हैं कि प्रायः लोग इसे अमृता के नाम से भी पुकारने लगते है। निस्संदेह ये हमारे शरीर में होने वाली अनेक गंभीर जानलेवा बीमारियों से छुटकारा दिलाने में खूब सहायक हैं। जहां एक ओर यह रक्त के प्लेटलेट्स की मात्रा को बड़ी तेजी से बढ़ाने का कार्य बखूबी करते हैं वहीं अन्य दूसरी तरफ डेंगू जैसी घातक बीमारी को भी मात देने से पीछे नहीं हटते। तभी तो अधिकांश डाक्टर डेंगू और मलेरिया जैसे भयंकर बुखार को शिकस्त देने के लिए हमेशा गिलोय के रस तथा शहद को बराबर मात्रा में अक्सर पीड़ित को देने की नेक सलाह देते हैं। फलस्वरूप मरीज पर चढ़ने वाला तेज ज्वर चुटकियों में उतर जाता है।
शायद यही वजह रही होगी कि आयुर्वेद में गिलोय का काफी बखान लिखा है। आयुर्वेद के अनुसार यह अनेक प्रकार के रोगों  की एक महान औषधि होती है। इसके मुताबिक, गिलोय का रस पीने से शरीर की अनेकों बीमारियाँ स्वतः नष्ट होने लगती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी पत्तियों में कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस और तने में स्टार्च मौजूद होता है।
हाल ही में हुए शोध बताते हैं कि वायरस पर गिलोय का प्राणघातक असर होता है। यही नहीं, इसमें सोडियम सेलिसिलेट होने कि वजह से दर्द निवारक गुण भी विद्यमान होता हैं जोकि क्षय रोग के जीवाणुओं की वृद्धि में विराम लगाने, इन्सुलिन की उत्पत्ति को बढ़ाने, ग्लूकोज का पाचन करने तथा कई रोगों के संक्रमणों को रोकने का  काम बड़ी तीव्र गति से करता है।इसके अलावा यह हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक शक्ति को भी ताकत देने में अपनी अहम भूमिका अदा करता है।
 विभिन्न प्रकार के महत्त्वपूर्ण एंटीबायोटिक तथा एंटीवायरल तत्व होते हैं जिनसे शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है।दरअसल यह गरीब के घर का एक डाक्टर है जो कि शहरों के साथ-साथ गाँवों में  भी बड़ी  सहजतापूर्वक ढूंढने से मिल जाता है। तो आइये अब हम गिलोय से होने वाले अन्य शारीरिक लाभों के बारे में आपको अवगत कराते हैं :-
गिलोय से शरीर को मिलने वाले अन्य लाभ :-
गिलोय के फल को पीसकर चेहरे पर लगाने से मुंहासे, फोड़े-फुंसियां और झाइयां धीरे-धीरे छूमंतर होने लगती हैं।
अगर इसके पत्तों के रस को गुनगुना करके कान में बूंद-बूंद कर डालें तो इससे कान का दर्द खत्म हो जाता है।
गिलोय के 2 चम्मच चूर्ण को गुड़ के संग लेने से कब्ज की शिकायत दूर होती है।
आहार विशेषज्ञ बताते हैं कि गिलोय का रस खून की मात्रा को बढ़ाने में अव्वल होने के कारण शरीर में खून की कमी को भी पूरा करता है।
सफेद दाग होने पर 10 से 20 मिलीलीटर गिलोय के रस को रोजाना 2-3 बार कुछ महीनों तक निरंतर सफेद दाग कि जगह पर लगाया जाए तो काफी लाभ मिलता है।
पेट का दर्द होने पर इसके रस का सेवन करने से पेट संबंधी सभी विकारों का स्वतः नाश होता है।
देखने मे आया है कि कई घरों में बड़े-बुजुर्गों को अक्सर जोड़ों में दर्द होने की शिकायत रहती है। यदि गिलोय के 2-4 ग्राम चूर्ण को दूध के साथ दिन में 2 से 3 बार लें तो इससे उनके जोड़ों के दर्द  की शिकायत का खुद ब खुद निदान हो जाता है।
बवासीर से पीड़ित रोगियों को यदि थोड़ा सा गिलोय का रस छाछ के साथ मिलाकर दिया जाए तो मरीज की तकलीफ कम होने लगती है और रोगी जल्दी ही स्वस्थ हो जाता है।
अगर आपके शरीर में शुगर की मात्रा अधिक हो गई है तो गिलोय के रस को रोजाना पिएं। यह बड़ी मात्रा को घटाने में अपनी अहम भूमिका निभायेगा।
आंखों के स्वास्थ्य हेतु भी गिलोय काफी कारगर है क्योंकि यह न सिर्फ आंखों की रोशनी वृद्धि करता है बल्कि बिना चश्मा पहने बेहतर रूप से देखने में भी बेहद सक्षम बनाता है।
अगर गिलोय और बबूल की फली समान मात्रा में मिश्रण करके पीसकर सुबह-शाम नियमित रूप से मंजन करें तो ऐसा करने से आपके दाँतों को बहुत आराम मिलेगा।
शरीर में खुजली होने की स्थिति में हल्दी को गिलोय के पत्तों के रस के साथ पीसकर खुजली वाले अंगों पर लगाएं। खुजली पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी।
दादी माँ के नुस्खों की बात करें तो सोंठ का चूर्ण और गिलोय का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर सूंघने से हिचकी आना बंद हो जाती है। 

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