सिर्फ दिव्यांग नाम देने से नहीं, उन्हें शिक्षा के अवसर देने के काम आगे बढ़ाए सरकार : गहलोत

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जयपुर, 14 फरवरी (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश भाजपा सरकार पर जयपुर एवं जोधपुर में दिव्यांगों के लिये घोषित दो विश्वविद्यालयों का काम रोकने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से दोनों विश्वविद्यालयों का काम जल्द से जल्द आगे बढ़ाने का आग्रह किया है।

गहलोत ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विकलांग शब्द को दिव्यांग करवाते हैं और उन्हें सम्मान देने की बात करते हैं और दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी की सरकार राजस्थान में दिव्यांगों के हित में घोषित की गईं दो यूनिवर्सिटी का काम रोक कर बैठी है।’’

उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस पर संज्ञान लेकर दोनों विश्वविद्यालयों का काम जल्द से जल्द आगे बढ़ाने का आग्रह किया है।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘भारत में उच्च शिक्षा में दिव्यांगों की सहभागिता पांच फीसदी से भी कम है। तमाम चुनौतियों के कारण दिव्यांग चाहकर भी उच्च शिक्षा में दाखिल नहीं हो पाते हैं।’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इसी को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने बजट 2022-23 में जयपुर में बाबा आम्टे दिव्यांग यूनिवर्सिटी एवं 2023-24 के बजट में जोधपुर में महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय की घोषणा की थी।’’

उन्होंने कहा यह नए तरह के विश्वविद्यालय थे इसलिए इनके कोर्स डिजाइन करने एवं अन्य औपचारिकताओं में समय लगना लाजिमी था। इसके लिए जयपुर में यूजीसी में लम्बा अनुभव रखने वाले डॉ देवस्वरूप को एवं जोधपुर में दिव्यांग सेवा में पूरा जीवन लगाने वाली कुसुमलता भंडारी को कुलपति नियुक्त किया गया था। इसके बाद हमारी सरकार बदल गई।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा सरकार ने इन दोनों परियोजनाओं को अघोषित तरीके से रोक दिया है।’’

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