नयी दिल्ली, पिछले वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में महिला उम्मीदवारों के निर्वाचन के मामले में पश्चिम बंगाल सबसे आगे रहा, जहां से 11 महिला उम्मीदवार संसदीय सीट जीतने में सफल रहीं।
मौजूदा या 18वीं लोकसभा के 543 सदस्यों में से कम से कम 74 महिला सदस्य हैं।
उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 73 पुरूष उम्मीदवार निर्वाचित हुए हैं।
निचले सदन के लिए पश्चिम बंगाल से 42 सांसद चुनकर आए हैं, वहीं उत्तर प्रदेश से 80 सांसद निर्वाचित हुए हैं।
निर्वाचन आयोग द्वारा बुधवार को जारी ‘एटलस-2024’ के अनुसार, चुनाव में महिला उम्मीदवारों के मामले में महाराष्ट्र एक बार फिर 111 महिला उम्मीदवारों के साथ सबसे आगे रहा, उसके बाद उत्तर प्रदेश (80) और तमिलनाडु (77) का स्थान रहा।
समूचे देश में कम से कम 152 निर्वाचन क्षेत्रों में कोई महिला उम्मीदवार नहीं थी।
कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने महिला उम्मीदवारों के निर्वाचन में उल्लेखनीय प्रगति की है।
त्रिपुरा और दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव (डीएनएच और डीएंडडी) ने अपने निर्वाचित सांसदों में महिलाओं का उल्लेखनीय 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दर्ज किया।
इसके बाद दिल्ली में 28.6 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 27.3 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 26.2 प्रतिशत महिलाओं का प्रतिनिधित्व रहा।
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भारत के चुनाव के इतिहास में दूसरी बार एक और दिलचस्प प्रवृत्ति दिखी, जिसमें महिला मतदाता भागीदारी दर (वीटीआर) ने राष्ट्रीय स्तर पर पुरुष मतदाताओं को पीछे छोड़ दिया।
पुरुषों के 65.55 प्रतिशत की तुलना में महिला मतदाता का मतदान 65.78 प्रतिशत था। महिलाओं और पुरुषों के बीच भागीदारी में अंतर 0.23 प्रतिशत रहा।