मनमुताबिक स्क्रिप्ट चुनने के दौर में आ चुके हैं मानव कौल
Focus News 13 February 2025 0
मानव कौल जाने माने एक्टर होने के साथ ही साथ एक राइटर भी हैं। वे अब तक डेड़ दर्जन से अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं। उनके व्दारा लिखी हुई पुस्तकें युवा पाठकों में काफी पसंद की जाती हैं।
मूलत: मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के रहने वाले मानव कौल का शुरूआती दौर कश्मीर में बीता। जन्म के बाद 7 सात बरस उन्होंने अपने परिवार के साथ वहीं पर बिताए। उसके बाद वह अपने परिवार के साथ माइग्रेट बनकर मध्यप्रदेश के होशंगाबाद आ गए।
मानव कौल की शिक्षा होशंगाबाद में हुई। होशंगाबाद के बारे में एक कहावत बड़ी प्रचलित है कि यहां के लोग अपने घर पर कम और शहर के बीचों बीच बहने वाली नर्मदा नदी में ज्यादा नहाते हैं।
ऐसे में मानव अपने दोस्तों के साथ अक्सर नर्मदा नदी में डुबकी लगाने जाने लगे। वहां पर जो श्रद्धालु नदी में सिक्के फेंकते थे, सारे दोस्त उन पैसों को निकाल लेते थे और उसी से चाय-नाश्ते का जुगाड़ करते थे।
एक दिन जब मानव नदी से सिक्के निकाल रहे थे, एक स्विमिंग कोच की नजर उन पर पड़ी। तब उन्होंने मानव को बतौर स्विमर करियर में आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया।
इस तरह मानव ने स्विमिंग को करियर के तौर पर लिया और आगें बढे। उन्होंने नेशनल लेवल तक स्विमिंग कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया और लगभग डेड़ दर्जन नेशनल अवॉर्ड भी जीते ।
एक बार मानव स्विमिंग कंपटीशन में हिस्सा लेने भोपाल गए, वहां के ‘भारत भवन’ में उन्होंने एक नाटक देखा, इसी के साथ एक नई दुनिया से उनका परिचय हुआ। उसके बाद उन्हें एक्टिंग का ऐसा चस्का लगा कि इसके अलावा उन्हें कुछ और नजर आना ही बंद हो गया।
मानव ने एक्टर बनने की अपनी ख्वाहिश के बारे में सबसे पहले अपनी मां को बताया। ऐसे में उनकी मां ने उनसे सिर्फ यही कहा कि अगर एक्टर बनना है तो सिर्फ उसी पर फोकस करो। दोनों हाथों में लड्डू लेने की कोशिश कभी मत करना।
घर से स्वीकृति मिलने के बाद मानव ने भोपाल में रहते हुए लगभग 3 बरस तक थियेटर किया। इस के बाद अपने ख्वाबों को पूरा करने के लिए मानव मुंबई आ गए।
मुंबई का संघर्ष हर किसी के लिए थका देने वाला होता है। सो मानव भी अपवाद नहीं रहे। दोस्तों के साथ चॉल में रहकर उनकी जद्दोजहद शुरू हो गई। गुजर बसर के लिए यहां पर वे थिएटर करने लगे। थिएटर में उन्होंने राइटिंग और डायरेक्शन का काम भी किया।
स्टेज पर पॉपुलेरिटी मिलने के बाद मानव टीवी शोज मिलने लगे। लेकिन छोटे छोटे रोल और ना के बराबर पैसा इस काम ने बहुत जल्दी उन्हैं थका दिया।
मानव ने बतौर जूनियर आर्टिस्ट कुछ फिल्मों में भी काम किया । एक फिल्म ‘हंसा’ डायरेक्ट भी की, लेकिन फ्लॉप हो गई। उसके बाद मानव ने कुछ समय के लिए एक्टिंग से ब्रेक ले लिया ।
बेरोजगारी और मुफलिसी के अलाम में मानव को पता चला कि फिल्म ‘काई पो छे’ का ऑडिशन चल रहा है। ऐसे में वह अनायास ऑडिशन देने चले गए और किस्मत से सिलेक्ट भी हो गए।
फिल्म ‘काई पो छे’ में काम करने के एवज में उन्हें बहुत ज्यादा फीस तो नहीं मिली लेकिन उनके काम की जिस तरह तारीफ हुई उसके बाद उन्हें फिल्म एक्टिंग में मजा आने लगा। हालांकि पिछले रिजेक्शन की वजह से उनके अंदर आत्मविश्वास की जो कमी आई थी, उसकी वजह से उन्हैं लोगों की तारीफ पर ज्यादा यकीन नहीं होता था।
फिल्म ‘काई पो छे’ के बाद मानव को फिल्मे मिलने का सिलसिला शुरू हो गया। उन्होंने ‘सिटीलाइट्स’, ‘वजीर’, ‘जॉली एलएलबी 2’ और ‘तुम्हारी सुलु’ जैसी फिल्मों में काम किया। इन फिल्मों के बाद चॉल से निकल कर मानव की खुद के अपने घर में रहने की हैसियत हो गई ।
अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म ‘वजीर’, अक्षय कुमार के साथ फिल्म ‘जॉली एलएलबी 2’, विद्या बालन के साथ फिल्म ‘तुम्हारी सुलु’ और माधुरी दीक्षित के साथ फिल्म ‘फेम गेम’ में मानव व्दारा निभाए गए किरदारों ने इंडस्ट्री में उन्हें नई पहचान दिलाई ।
इसके बाद फिल्म मेकर्स के दफ्तरों में जाकर काम मांगने की मानव की जद्दोजहद लगभग खत्म हो गई और वह मनमुताबिक स्क्रिप्ट चुनने के दौर में आ गए।
पिछले दिनों मानव को वेब सीरीज ‘त्रिभुवन मिश्रा सीए टॉपर’ में देखा गया। नेटफ्लिक्स इंडिया पर ऑन स्ट्रीम हुई उनक्री यह सीरीज लगभग 5 हफ्तों तक टॉप 1 पर ट्रेंड करती रही।
अब मानव क्री एक और सीरीज ‘बारामुला’ रिलीज होने वाली है, जिसकी कहानी डायरेक्टर-राइटर आदित्य धर ने लिखी है। इसके अलावा वे फिल्म ‘सलाम नोई अप्पा’ में एक्ट्रेस डिंपल कपाड़िया के साथ नजर आएंगे।
मूलत: मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के रहने वाले मानव कौल का शुरूआती दौर कश्मीर में बीता। जन्म के बाद 7 सात बरस उन्होंने अपने परिवार के साथ वहीं पर बिताए। उसके बाद वह अपने परिवार के साथ माइग्रेट बनकर मध्यप्रदेश के होशंगाबाद आ गए।
मानव कौल की शिक्षा होशंगाबाद में हुई। होशंगाबाद के बारे में एक कहावत बड़ी प्रचलित है कि यहां के लोग अपने घर पर कम और शहर के बीचों बीच बहने वाली नर्मदा नदी में ज्यादा नहाते हैं।
ऐसे में मानव अपने दोस्तों के साथ अक्सर नर्मदा नदी में डुबकी लगाने जाने लगे। वहां पर जो श्रद्धालु नदी में सिक्के फेंकते थे, सारे दोस्त उन पैसों को निकाल लेते थे और उसी से चाय-नाश्ते का जुगाड़ करते थे।
एक दिन जब मानव नदी से सिक्के निकाल रहे थे, एक स्विमिंग कोच की नजर उन पर पड़ी। तब उन्होंने मानव को बतौर स्विमर करियर में आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया।
इस तरह मानव ने स्विमिंग को करियर के तौर पर लिया और आगें बढे। उन्होंने नेशनल लेवल तक स्विमिंग कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया और लगभग डेड़ दर्जन नेशनल अवॉर्ड भी जीते ।
एक बार मानव स्विमिंग कंपटीशन में हिस्सा लेने भोपाल गए, वहां के ‘भारत भवन’ में उन्होंने एक नाटक देखा, इसी के साथ एक नई दुनिया से उनका परिचय हुआ। उसके बाद उन्हें एक्टिंग का ऐसा चस्का लगा कि इसके अलावा उन्हें कुछ और नजर आना ही बंद हो गया।
मानव ने एक्टर बनने की अपनी ख्वाहिश के बारे में सबसे पहले अपनी मां को बताया। ऐसे में उनकी मां ने उनसे सिर्फ यही कहा कि अगर एक्टर बनना है तो सिर्फ उसी पर फोकस करो। दोनों हाथों में लड्डू लेने की कोशिश कभी मत करना।
घर से स्वीकृति मिलने के बाद मानव ने भोपाल में रहते हुए लगभग 3 बरस तक थियेटर किया। इस के बाद अपने ख्वाबों को पूरा करने के लिए मानव मुंबई आ गए।
मुंबई का संघर्ष हर किसी के लिए थका देने वाला होता है। सो मानव भी अपवाद नहीं रहे। दोस्तों के साथ चॉल में रहकर उनकी जद्दोजहद शुरू हो गई। गुजर बसर के लिए यहां पर वे थिएटर करने लगे। थिएटर में उन्होंने राइटिंग और डायरेक्शन का काम भी किया।
स्टेज पर पॉपुलेरिटी मिलने के बाद मानव टीवी शोज मिलने लगे। लेकिन छोटे छोटे रोल और ना के बराबर पैसा इस काम ने बहुत जल्दी उन्हैं थका दिया।
मानव ने बतौर जूनियर आर्टिस्ट कुछ फिल्मों में भी काम किया । एक फिल्म ‘हंसा’ डायरेक्ट भी की, लेकिन फ्लॉप हो गई। उसके बाद मानव ने कुछ समय के लिए एक्टिंग से ब्रेक ले लिया ।
बेरोजगारी और मुफलिसी के अलाम में मानव को पता चला कि फिल्म ‘काई पो छे’ का ऑडिशन चल रहा है। ऐसे में वह अनायास ऑडिशन देने चले गए और किस्मत से सिलेक्ट भी हो गए।
फिल्म ‘काई पो छे’ में काम करने के एवज में उन्हें बहुत ज्यादा फीस तो नहीं मिली लेकिन उनके काम की जिस तरह तारीफ हुई उसके बाद उन्हें फिल्म एक्टिंग में मजा आने लगा। हालांकि पिछले रिजेक्शन की वजह से उनके अंदर आत्मविश्वास की जो कमी आई थी, उसकी वजह से उन्हैं लोगों की तारीफ पर ज्यादा यकीन नहीं होता था।
फिल्म ‘काई पो छे’ के बाद मानव को फिल्मे मिलने का सिलसिला शुरू हो गया। उन्होंने ‘सिटीलाइट्स’, ‘वजीर’, ‘जॉली एलएलबी 2’ और ‘तुम्हारी सुलु’ जैसी फिल्मों में काम किया। इन फिल्मों के बाद चॉल से निकल कर मानव की खुद के अपने घर में रहने की हैसियत हो गई ।
अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म ‘वजीर’, अक्षय कुमार के साथ फिल्म ‘जॉली एलएलबी 2’, विद्या बालन के साथ फिल्म ‘तुम्हारी सुलु’ और माधुरी दीक्षित के साथ फिल्म ‘फेम गेम’ में मानव व्दारा निभाए गए किरदारों ने इंडस्ट्री में उन्हें नई पहचान दिलाई ।
इसके बाद फिल्म मेकर्स के दफ्तरों में जाकर काम मांगने की मानव की जद्दोजहद लगभग खत्म हो गई और वह मनमुताबिक स्क्रिप्ट चुनने के दौर में आ गए।
पिछले दिनों मानव को वेब सीरीज ‘त्रिभुवन मिश्रा सीए टॉपर’ में देखा गया। नेटफ्लिक्स इंडिया पर ऑन स्ट्रीम हुई उनक्री यह सीरीज लगभग 5 हफ्तों तक टॉप 1 पर ट्रेंड करती रही।
अब मानव क्री एक और सीरीज ‘बारामुला’ रिलीज होने वाली है, जिसकी कहानी डायरेक्टर-राइटर आदित्य धर ने लिखी है। इसके अलावा वे फिल्म ‘सलाम नोई अप्पा’ में एक्ट्रेस डिंपल कपाड़िया के साथ नजर आएंगे।