तिरुवनंतपुरम, केरल की वाम नेतृत्व वाली सरकार ने सोमवार को राज्य में निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना और प्रबंधन के लिए एक मसौदा विधेयक को मंजूरी दी।
यहां मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में केरल राज्य निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं विनियमन) मसौदा विधेयक, 2025 को मंजूरी दी गई।
इसके तहत सिर्फ शिक्षा क्षेत्र में अनुभव रखने वाली विश्वसनीय एजेंसियां ही राज्य में निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए आवेदन कर सकती हैं।
मसौदा विधेयक के अनुसार, विश्वविद्यालय को नियामक निकायों द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार भूमि का स्वामित्व प्राप्त करना होगा और राज्य के खजाने में 25 करोड़ रुपये का कोष जमा करना होगा।
बहु-परिसर विश्वविद्यालय होने की स्थिति में मुख्य परिसर को कम से कम 10 एकड़ में फैला होना चाहिए।
विश्वविद्यालय को संकाय नियुक्तियों, कुलपति के चयन और समग्र प्रशासन के संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) एवं राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का भी पालन करना होगा।
विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि राज्य की मौजूदा आरक्षण नीति के अनुरूप प्रत्येक पाठ्यक्रम में 40 प्रतिशत सीट केरल के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित होंगी।
इसके अलावा, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति एवं शुल्क माफी जारी रहेगी।