नयी दिल्ली, राज्यसभा में सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सदस्य डेरेक ओब्रायन ने सरकार से गोवा की समृद्ध तटीय संस्कृति को संरक्षित करने का प्रयास करने की अपील की और आरोप लगाया कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के साथ-साथ विपक्षी कांग्रेस भी वहां लोगों के लिए कुछ नहीं कर रही है।
राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए ओब्रायन ने गोवा की सांस्कृतिक विरासत के क्षरण पर चिंता जताई।
उन्होंने कहा, ‘‘छोटे राज्यों को शायद ही अपनी आवाज उठाने का यहां मौका मिलता है, इसलिए मैं गोवा की समृद्ध तटीय संस्कृति को संरक्षित करने की आवश्यकता के मुद्दे को उठाते हुए खुशी महसूस कर रहा हूं।’’
तृणमूल सदस्य ने कहा, ‘‘गोवा की तटीय संस्कृति दो समुदायों पर आधारित है- एक है मछुआरा समुदाय, जिसकी अपनी महान परंपराएं हैं और दूसरा ताड़ी निकालने वाला समुदाय।’’
उन्होंने कहा कि महान परंपराओं के बावजूद वे अस्तित्व के संकट से गुजर रहे हैं जिसके कई कारण हैं और इनमें तटीय विनियमन क्षेत्र के नियम भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ नतीजतन, ये मछुआरे घर नहीं बना सकते, वे अपनी नावें पार्क नहीं कर सकते… उनकी रोजी-रोटी छीनी जा रही है। यह मुद्दा यहां 20,000 मछुआरों को प्रभावित कर रहा है।’’
उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, तृणमूल कांग्रेस के तहत पश्चिम बंगाल सरकार मछुआरा समुदायों के लिए कई योजनाएं चला रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘गोवा में एक और मुद्दा है- पारिस्थितिकी को बचाना.. नमक का बर्तन… गोवा की एक पुरानी परंपरा है … वह भी संकट में है। इसे विरासत स्थलों के रूप में संरक्षित किया जाना चाहिए।’’
ओब्रयान ने कहा, ‘‘हम सरकार से अपील करते हैं कि वह मछुआरों को बचाए, गोवा को बचाए, जैसा कि उच्चतम न्यायालय ने कहा है, इसे कंक्रीट के जंगल में तब्दील न करें। हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए।’’
तृणमूल सदस्य ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि लोगों ने उन्हें वोट दिया और 11 विधायकों को जिताया, लेकिन उनमें से आठ भाजपा में चले गए।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘गोवा के लोग क्या करें? उनके पास क्या विकल्प हैं?’’
उन्होंने कहा, ‘‘गोवा सरकार कुछ नहीं कर रही है और विपक्ष भी वहां क्या कर रहा था? उन्होंने कांग्रेस के 11 विधायकों को चुना, कांग्रेस के आठ विधायक भाजपा में चले गए। तो गोवा के लोगों की रक्षा कौन करेगा? मैं इस सरकार से अपील करता हूं। राजनीति को एक तरफ छोड़ दें और इन राज्यों की मदद के लिए एकजुट हों।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने 2022 का गोवा विधानसभा चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उसने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन एक भी उम्मीदवार को जीत नहीं मिली।