कोलकाता, शम्स मुलानी और तनुश कोटियान की आठवें विकेट के लिए 165 रन की साझेदारी के बूते गत चैंपियन मुंबई ने रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल के शुरुआती दिन शनिवार को यहां हरियाणा के खिलाफ आठ विकेट पर 278 रन बनाकर अच्छी वापसी की।
मुंबई ने पहले बल्लेबाजी का फैसला करने के बाद 25 रन तक चार जबकि 113 रन तक सात विकेट गंवा दिये थे लेकिन मुलानी ने 178 गेंद में 91 जबकि कोटियान ने 154 गेंद में नाबाद 85 रन की पारी खेलकर मौजूदा सत्र में एक बार फिर से टीम को संकट से बाहर निकाला।
स्टंप्स के समय कोटियान के साथ मोहित अवस्थी क्रीज पर मौजूद थे।
हरियाणा के लिए अंशुल कंबोज (58 रन पर तीन विकेट) और सुमित कुमार (57 रन पर दो विकेट) ने नयी गेंद से शानदार गेंदबाजी की जिससे टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी कर चुके अजिंक्य रहाणे (31) मौजूदा टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव (नौ) और हरफनमौला शिवम दुबे जैसे अनुभवी खिलाड़ी सस्ते में पवेलियन लौट गये।
दिन चढ़ने के साथ पिच की नमी कम होने के बाद बल्लेबाजी आसान हो गयी और पिछले साल के ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ कोटियान और मुलानी ने संयम के साथ बल्लेबाजी करते हुए टीम के स्कोर को दिन के आखिर तक 278 रन तक पहुंचा दिया। मुलानी दिन का खेल खत्म होने से 15 गेंद पहले जयंत यादव (32 रन पर एक विकेट) का शिकार बने।
मुंबई की टीम पहली पारी में शायद बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रहे लेकिन मुलानी और कोटियान ने यह सुनिश्चित किया कि हरियाणा को मैच में बने रहने के लिए अच्छी बल्लेबाजी करनी होगी।
दिन की शुरुआत में परिस्थितियां तेज गेंदबाजों के लिए मददगार थी और रहाणे का पहले बल्लेबाजी करने का फैसला दिन के शुरुआती सत्र में गलत साबित होते दिखा।
कंबोज और सुमित के साथ अनुज ठकराल (59 रन पर एक विकेट) तथा अजित चहल (21 रन पर एक विकेट) ने महज 130 के आसपास की गति से गेंदबाजी करने के बावजूद पिच से अच्छा इस्तेमाल किया। उनकी स्विंग लेती गेंदों से सामंजस्य बिठाने के लिए संघर्ष करना पड़ा।
अनुभवहीन सलामी बल्लेबाज आयुष महात्रे (शून्य) को कंबोज ने बोल्ड किया जबकि सुमित ने आकाश आनंद (10) को छकाकर गिल्लियां बिखेर दी।
सिद्देश लाड (चार) और सूर्यकुमार यादव भी गेंद को समझने में विफल रहते हुए बोल्ड हो गये।
दुबे ने 32 गेंद की पारी में कुछ अच्छे शॉट लगाये लेकिन चहल की गेंद पर गली में लपके गये। रहाणे कंबोज की गेंद को विकेटकीपर रोहित शर्मा के हाथों में खेल गये।
शारदुल ठाकुर (15) ठकराल की गेंद पर उन्हें ही आसान कैच देकर पवेलियन लौटे।
इसके बाद मुलानी और कोटियान ने मोर्चा संभाला और हरियाणा के गेंदबाजों को सफलता से दूर रखा। दोनों को जयंत यादव और निशांत सिंधु जैसे स्पिन गेंदबाजों के सामने कोई परेशानी नहीं हुई।
मुलानी जयंत की गेंद पर उन्हें आसान कैच देकर प्रथम श्रेणी में अपना दूसरा शतक पूरा करने से चूक गये।