
सुजाता हर सुबह आपाधापी में रहती है। बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करना, बच्चों व पति का टिफिन पैक करना, अपना खाना पैक करना, किचन की सफाई आदि अनेक कार्य उसे सुबह आठ बजे तक निपटाने होते हैं क्योंकि उसका ऑफिस घर से काफी दूर है और उसे ऑफिस पहुंचने में कम से कम डेढ़ घंटे का समय लगता है।
वह परेशानी में हर काम निपटाती है। उसे बहुत कोफ्त होती है जब सब काम जल्दी-जल्दी करने पर भी वह ऑफिस से लेट हो जाती है और बॉस की डांट खानी पड़ती है।
परिणामस्वरूप वह सुबह-सुबह ही तनावग्रस्त हो जाती है। पति से भी झगड़ा होता है। वह झुंझला जाती है और अपना क्रोध बच्चों पर निकालती है।
इसके विपरीत अंजना भी शादीशुदा और दो बच्चों की मां है मगर उसे कोई परेशानी नहीं होती। वह 8 बजे से पहले ही अपने सब काम निपटा लेती है। वैसे भी वह सब कार्य खुशी-खुशी निपटाती है।
दरअसल यहां सुजाता व अंजना का कार्य तो समान है मगर अंतर है तो उनकी सोच व स्वभाव का। सुजाता अपने काम को लेकर तनावमुक्त रहती है। वह यह सोचकर ही परेशान हो जाती है कि वह यह सब कैसे करेगी।
दूसरी तरफ अंजना को मालूम है कि यह सब उसे स्वयं ही करना है, इसलिए वह सदैव इसके लिए मानसिक व शारीरिक रूप से तैयार रहती है।
यदि आप नौकरीपेशा हैं तो आप भी चाहती हैं कि अंजना की तरह आपके मन पर कार्य का बोझ न पड़े व आप तनावमुक्त रहें तो आइए, आपके लिए हम कुछ खास सुझाव दे रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप खुद को तनावमुक्त रख सकती हैं।
यह रात को ही तय कर लें कि सुबह नाश्ते व लंच के लिए क्या पकाना है। यदि पति व बच्चों की राय भी ले ली जाए तो बेहतर है। सुबह नाश्ते के लिए पूर्ण सामग्री किचन की शैल्फ पर रख दें। अपना, पति व बच्चों के टिफिन धो पोंछ कर रख दें। लंच के लिए बनाने वाली सब्जी काट कर भी रख सकतीहैं।
ऑफिस जाते वक्त पहनने वाली डेªस का चुनाव भी रात को ही कर लें। उसके साथ कौन-सी ज्वैलरी पहननी है, या आप जो भी मैचिंग पहनती हैं, उसे रात को ही अलमारी में या बाहर एक तरफ रख लें।
बच्चों व पति के वस्त्रा भी तैयार करके रख दें। यह न हो कि सुबह पति का रूमाल नहीं मिल रहा है तो बच्चों की जुराबें। यह सब रात को ही करके रखने से आप सुबह की भागदौड़ से बच सकेंगी।
रात का खाना तैयार करने के पश्चात् रसोई को भलीभांति साफ कर दें। गैस का चूल्हा व शैल्फ भी अच्छी तरह पोंछ दें ताकि सुबह रसोई में जाते ही गंदगी को देखकर आपका मूड खराब न हो।
यदि पति या बच्चे नाश्ते में किसी ऐसे व्यंजन की फरमाइश करें जिसे तैयार करने में समय अधिक लगता हो तो उसकी यथासंभव तैयारी रात को ही करके रख लें। फिर भी सुबह थोड़ा जल्दी उठें ताकि आप आराम से कार्य निपटा सकें।
बच्चे अगर बड़े हैं तो रात को सब्जी काटने, अपने-अपने वस्त्रा निकाल कर रखने आदि छोटे-छोटे कार्यों में भी उनकी मदद ले सकती हैं।
यदि बच्चे नाश्ता करते समय जिद्द करें या नुक्ताचीनी करें तो उन्हें नाश्ता कराने में पति की मदद ले सकती हैं।
प्रत्येक कार्य को सुरूचिपूर्ण तरीके से करें। वस्तुओं को अधिक न फैलाएं। सभी चीजों को यथास्थान रखती जाएं।
सुबह उठने का समय निर्धारित कर लें। यह ध्यान रखें कि यदि आप समय पर उठकर सब काम निपटा लेंगी तो आपका मूड भी ठीक रहेगा व आपको ऑफिस भी देर से नहीं पहुंचना पड़ेगा। यह देख लें कि आपको पूरा काम करने में कितना वक्त लगता है, उसी के अनुसार ही प्रातः उठें।
बच्चों को तैयार करने, उनके टिफिन पैक करने आदि में पति की मदद ले सकती हैं।
पति से विनम्रतापूर्वक मदद करने को कहें। धीरे-धीरे वो आपकी परेशानी को समझते हुए आपको सहयोग करने लगेंगे।
अपने मन को सदैव प्रसन्न रखने की कोशिश करें। कार्य को बोझ न समझकर अपनी दिनचर्या का एक हिस्सा समझकर निपटाएं। इससे आपको कार्य करने में आसानी होगी।
वह परेशानी में हर काम निपटाती है। उसे बहुत कोफ्त होती है जब सब काम जल्दी-जल्दी करने पर भी वह ऑफिस से लेट हो जाती है और बॉस की डांट खानी पड़ती है।
परिणामस्वरूप वह सुबह-सुबह ही तनावग्रस्त हो जाती है। पति से भी झगड़ा होता है। वह झुंझला जाती है और अपना क्रोध बच्चों पर निकालती है।
इसके विपरीत अंजना भी शादीशुदा और दो बच्चों की मां है मगर उसे कोई परेशानी नहीं होती। वह 8 बजे से पहले ही अपने सब काम निपटा लेती है। वैसे भी वह सब कार्य खुशी-खुशी निपटाती है।
दरअसल यहां सुजाता व अंजना का कार्य तो समान है मगर अंतर है तो उनकी सोच व स्वभाव का। सुजाता अपने काम को लेकर तनावमुक्त रहती है। वह यह सोचकर ही परेशान हो जाती है कि वह यह सब कैसे करेगी।
दूसरी तरफ अंजना को मालूम है कि यह सब उसे स्वयं ही करना है, इसलिए वह सदैव इसके लिए मानसिक व शारीरिक रूप से तैयार रहती है।
यदि आप नौकरीपेशा हैं तो आप भी चाहती हैं कि अंजना की तरह आपके मन पर कार्य का बोझ न पड़े व आप तनावमुक्त रहें तो आइए, आपके लिए हम कुछ खास सुझाव दे रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप खुद को तनावमुक्त रख सकती हैं।
यह रात को ही तय कर लें कि सुबह नाश्ते व लंच के लिए क्या पकाना है। यदि पति व बच्चों की राय भी ले ली जाए तो बेहतर है। सुबह नाश्ते के लिए पूर्ण सामग्री किचन की शैल्फ पर रख दें। अपना, पति व बच्चों के टिफिन धो पोंछ कर रख दें। लंच के लिए बनाने वाली सब्जी काट कर भी रख सकतीहैं।
ऑफिस जाते वक्त पहनने वाली डेªस का चुनाव भी रात को ही कर लें। उसके साथ कौन-सी ज्वैलरी पहननी है, या आप जो भी मैचिंग पहनती हैं, उसे रात को ही अलमारी में या बाहर एक तरफ रख लें।
बच्चों व पति के वस्त्रा भी तैयार करके रख दें। यह न हो कि सुबह पति का रूमाल नहीं मिल रहा है तो बच्चों की जुराबें। यह सब रात को ही करके रखने से आप सुबह की भागदौड़ से बच सकेंगी।
रात का खाना तैयार करने के पश्चात् रसोई को भलीभांति साफ कर दें। गैस का चूल्हा व शैल्फ भी अच्छी तरह पोंछ दें ताकि सुबह रसोई में जाते ही गंदगी को देखकर आपका मूड खराब न हो।
यदि पति या बच्चे नाश्ते में किसी ऐसे व्यंजन की फरमाइश करें जिसे तैयार करने में समय अधिक लगता हो तो उसकी यथासंभव तैयारी रात को ही करके रख लें। फिर भी सुबह थोड़ा जल्दी उठें ताकि आप आराम से कार्य निपटा सकें।
बच्चे अगर बड़े हैं तो रात को सब्जी काटने, अपने-अपने वस्त्रा निकाल कर रखने आदि छोटे-छोटे कार्यों में भी उनकी मदद ले सकती हैं।
यदि बच्चे नाश्ता करते समय जिद्द करें या नुक्ताचीनी करें तो उन्हें नाश्ता कराने में पति की मदद ले सकती हैं।
प्रत्येक कार्य को सुरूचिपूर्ण तरीके से करें। वस्तुओं को अधिक न फैलाएं। सभी चीजों को यथास्थान रखती जाएं।
सुबह उठने का समय निर्धारित कर लें। यह ध्यान रखें कि यदि आप समय पर उठकर सब काम निपटा लेंगी तो आपका मूड भी ठीक रहेगा व आपको ऑफिस भी देर से नहीं पहुंचना पड़ेगा। यह देख लें कि आपको पूरा काम करने में कितना वक्त लगता है, उसी के अनुसार ही प्रातः उठें।
बच्चों को तैयार करने, उनके टिफिन पैक करने आदि में पति की मदद ले सकती हैं।
पति से विनम्रतापूर्वक मदद करने को कहें। धीरे-धीरे वो आपकी परेशानी को समझते हुए आपको सहयोग करने लगेंगे।
अपने मन को सदैव प्रसन्न रखने की कोशिश करें। कार्य को बोझ न समझकर अपनी दिनचर्या का एक हिस्सा समझकर निपटाएं। इससे आपको कार्य करने में आसानी होगी।