बजट ‘बांग्ला विरोधी’ है, लोगों को ‘मां सीता की तरह’ गुमराह किया गया: अभिषेक बनर्जी

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नयी दिल्ली,  तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार को केंद्रीय बजट को ‘बांग्ला विरोधी बजट’ करार दिया और आरोप लगाया कि इस सरकार ने अर्थव्यवस्था को ‘‘सांठगांठ वाले पूंजीवाद के रावण’’ को सौंप दिया है तथा ‘‘सीता माता की तरह’’ देश के आम आदमी को गुमराह किया है।

उन्होंने लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की न सिर्फ उपेक्षा की है, बल्कि राज्य के विकास को अवरुद्ध करने का प्रयास किया है।

बनर्जी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ‘रिवर्स रॉबिनहुड’ की महारथी है जो गरीबों से लेकर अमीरों को देती है।

बनर्जी ने कहा कि सरकार ‘अधूरे संघवाद’ पर अमल कर रही है क्योंकि बिहार को देती है और पश्चिम बंगाल की उपेक्षा करती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह ‘बांग्ला विरोधी बजट’’ है और इसमें पश्चिम बंगाल के विकास और समृद्धि को रोकने का प्रयास किया गया है।

बनर्जी ने कहा, ‘‘आयकर में राहत देने की बात की गई है ताकि आम आदमी का ध्यान खींचा जा सके, लेकिन अप्रत्यक्ष कर, योजनाओं में कटौती और कॉरपोरेट पर मेहरबानी की गई।’’

उन्होंने दावा किया कि ‘‘मां सीता को हरण के समय गुमराह किया गया था उसी तरह आम आदमी को गुमराह करके वित्तीय स्थिरता से वित्तीय परेशानियों की तरफ खींच लिया गया है।’’

बनर्जी ने आरोप लगाया, ‘‘अर्थव्यवस्था को ‘क्रोनी कैपिटलिज्म’ के रावण को सौंप दिया गया है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘राजग सरकार अधूरे सच का बेहतरीन उदाहरण है। किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ, आवास पूरे नहीं बने और दूसरे वादे भी अधूरे रहे…अधूरे एजेंडा को प्रोपेगेंडा की तरह पेश किया गया है।’’

तृणमूल सांसद ने आरोप लगाया कि लोगों के साथ विश्वासघात किया गया है।

बनर्जी ने कहा कि किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी की मांग पर बजट में कुछ नहीं किया गया और कृषकों को कोई राहत नहीं दी गई।

उन्होंने दावा किया कि इस सरकार ने भूख की मार झेल रहे बच्चों के कल्याण में निवेश के बजाय सुर्खियां बनाने में निवेश किया।

 

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