ई-नाम मंच किसानों के लिए ‘वरदान’, 1.78 करोड़ किसान इससे पंजीकृत हो चुके हैं : चौहान

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नयी दिल्ली, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) मंच को किसानों के लिए ‘वरदान’ करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि अब तक 1.78 करोड़ किसान इससे पंजीकृत हो चुके हैं, 4,362 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) जुड़ चुके हैं और 239.6 करोड़ रुपये मूल्य की उपज का व्यापार हुआ है।

राज्यसभा में पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए चौहान ने यह भी कहा कि 31 दिसंबर 2024 तक लगभग 1,410 मंडियों को ई-नाम मंच से जोड़ा गया है।

ई-नाम एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है, जो कृषि उत्पादों के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने हेतु मौजूदा एपीएमसी मंडियों को ऑनलाइन नेटवर्क से जोडता है। लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत ई-नाम को लागू करने के लिए प्रमुख एजेंसी है।

चौहान ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘31 दिसंबर 2024 तक 4,362 किसान उत्पादक संगठन ई-नाम प्लेटफार्म से जुड़ चुके हैं और इसका लाभ उठा रहे हैं। ’’

उन्होंने कहा कि इस मंच के द्वारा किसानों को ऑनलाइन पेमेंट प्राप्त होता है और उन्हें ऑनलाइन रसीद प्राप्त करने में भी आसानी होती है।

उन्होंने कहा, ‘‘31 दिसंबर 2024 तक 1.44 लाख मीट्रिक टन (अनाज) और 3.4 करोड़ बांस, पान, नारियल नींबू आदि का व्यापार रिकॉर्ड किया गया है, जिसका मूल्य 239.6 करोड़ रुपये है।’’

एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि अब तक लगभग 1410 मंडियों को ई-नाम मंच से जोड़ा गया है।

उन्होंने कहा कि यह मांग आधारित योजना है और यह राज्यों के ऊपर है कि वे अनुमति दें या नहीं। उन्होंने कहा कि इस मंच के माध्यम अंतर-राज्यीय व्यापार भी होता है।

चौहान ने कहा कि 31 दिसंबर 2024 तक विभिन्न राज्यों में अलग-अलग मंडियों के एक करोड़ 78 लाख किसान पंजीकृत हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 640 मंडियों ने अंतर-राज्यीय मंडी व्यापार में भाग लिया और कुल 16.59 लाख मीट्रिक टन का कारोबार हुआ, जिसका मूल्य 5,022 करोड़ रूपये है।

उन्होंने बताया कि अब तक 22 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की 948 मंडियों को 6,831 करोड रुपये का ई-पेमेंट किया गया है।

इस मंच से किसानों को हो रहे विभिन्न लाभों का उल्लेख करते हुए चौहान ने कहा, ‘‘मैं मानता हूं किसानों के लिए ई-नाम योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वरदान साबित हो रही है।’’

बिचौलियों की मिलीभगत से जुड़े एक सवाल पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि राज्य का विषय है और मंडी राज्य संचालित करते हैं और कई बार ऐसी घटनाएं सामने आती हैं।

यह पूछे जाने पर कि सरकार एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुरूप किसानों को उनकी उपजों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी कब तक देगी, चौहान ने इसका कोई सीधा उत्तर नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि यह नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली ही सरकार है जिसने उत्पादन की लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर एमएसपी तय किया।

विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब उधर (कांग्रेस के नेतृत्व वाली) की सरकार थी तब स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश आई थी। तब आपने शपथपत्र देकर मना कर दिया था कि उत्पादन की लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर तय नहीं किया जा सकता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक-एक नहीं चार-चार मंत्रियों ने ऐसा किया था। जो आपने नहीं किया वह नरेन्द्र मोदी ने किया, क्योंकि मोदी है तो मुमकिन है।’’

 

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