नयी दिल्ली, राज्यसभा में राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य ने शुक्रवार को उच्च सदन में आय की बढ़ती असमानता का मुद्दा उठाते हुए इसे अर्थव्यवस्था और सामाजिक स्थिरता के लिए खतरा करार दिया तथा इसे दूर करने के लिए केंद्र से तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज झा ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि मध्यम और निम्न आय वर्ग की आय में गिरावट आई है, जबकि अमीरों की आय बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘आय की असमानता हमारे जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित कर रही है। करोड़पतियों और अरबपतियों की आय बढ़ रही है … हमें इससे कोई गुरेज नहीं है, लेकिन इसके विपरीत मध्यम और निम्न-आय वर्ग के समूहों, विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र की आय में समानांतर और तेज गिरावट आई है।’’
झा ने कहा कि कोविड महामारी के बाद इस प्रक्रिया में और भी तेजी आई है।
उन्होंने कहा, ‘‘अभिजात्य वर्ग की आय में बेतहाशा वृद्धि हुई है, लेकिन इसके अनुपात में हाशिए के समूह या जो हमारा श्रमिक वर्ग है, उनकी आय में लगातार गिरावट देखी जा रही है। यह चिंता का विषय है।’’
झा ने जोर देकर कहा कि आय का असमान वितरण ना सिर्फ अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है बल्कि सामाजिक स्थिरता और लोकतंत्र को भी प्रभावित करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब पूंजी केंद्रित हो जाती है तो यह राजनीति को निर्धारित करने लगती है और जब राजनीति को पूंजी निर्धारित करती है तो मैं समझता हूं कि इससे बाहर निकलना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आय के असमान वितरण का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल जैसे विषयों पर भी असर पड़ता है। इसके लिए अगर हमने कड़े और तात्कालिक फैसले नहीं किए तो हम ज्वालामुखी की एक ढेर पर पर बैठे हैं।’’