नयी दिल्ली, छह फरवरी (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत प्रमुख बहुपक्षीय निकायों में शीघ्र और व्यापक सुधार की आवश्यकता पर बल दिया ताकि समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित किया जा सके।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 79वें सत्र के अध्यक्ष फिलेमोन यांग ने यहां राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात की। मुर्मू ने यांग का स्वागत करते हुए कहा कि 2025 में विकास के लिए वित्तपोषण पर चौथा सम्मेलन और तीसरा संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन जैसे महत्वपूर्ण संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे।
मुर्मू ने यांग को इन सभी मंचों पर भारत की सक्रिय और रचनात्मक भागीदारी का आश्वासन दिया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत प्रमुख बहुपक्षीय निकायों में शीघ्र और व्यापक सुधार की आवश्यकता पर बल दिया।
राष्ट्रपति ने यांग द्वारा सतत विकास के लिए विज्ञान और डाटा-संचालित दृष्टिकोण पर जोर देने और उनके समावेशी दृष्टिकोण की सराहना की।
उन्होंने सितंबर 2024 में न्यूयॉर्क में आयोजित भविष्य के शिखर सम्मेलन में ‘‘भविष्य के लिए समझौता’’ को अपनाने में उनके नेतृत्व की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि भारत ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ के दर्शन से प्रेरित होकर संयुक्त राष्ट्र समेत ‘ग्लोबल साउथ’ के हितों की रक्षा करना जारी रखेगा।
‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील या कम विकसित समझा जाता है।
दोनों नेताओं ने भारत और कैमरून के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों खासकर पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़े विकास साझेदारी और क्षमता निर्माण पर भी चर्चा की।
यांग कैमरून के एक राजनीतिज्ञ हैं।
मुर्मू ने कहा कि भारत का अफ्रीका के साथ विशेष संबंध है और 2023 में भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान ही अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में समूह में शामिल किया गया था।