नयी दिल्ली, पांच फरवरी (भाषा) आदिवासी समुदायों के करीब 25 हजार श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे तथा अपने धर्म, संस्कृति और परंपराओं की ‘रक्षा’ करने की शपथ लेंगे। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम (एवीवाईकेए) से संबद्ध एक संस्था ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सेवा प्रकल्प संस्थान ने बताया कि वनवासी कल्याण आश्रम ने छह फरवरी से 10 फरवरी तक महाकुंभ में आदिवासी समुदायों के भक्तों की एक ‘‘विशाल सभा’’ का आयोजन किया है।
अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संबद्ध सबसे पुराने संस्थाओं में से एक है।
सेवा प्रकल्प संस्थान के सचिव सलिल नेमानी ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में, वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा छह फरवरी से 10 फरवरी तक एक भव्य आदिवासी सभा का आयोजन किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक समागम में देश भर से करीब 25,000 आदिवासी श्रद्धालु शामिल होंगे और अपने धर्म, संस्कृति और परम्पराओं की रक्षा का संकल्प लेंगे। आरएसएस से संबद्ध संस्था ने कहा कि सात फरवरी को आदिवासी संतों और श्रद्धालुओं की भव्य ‘शोभा यात्रा’ आयोजित की जाएगी।
बयान में कहा गया है कि बड़ी संख्या में आदिवासी श्रद्धालु अपने पारंपरिक परिधान में ‘शोभा यात्रा’ में भाग लेंगे और पवित्र स्नान के लिए संगम पहुंचेंगे।
सेवा प्रकल्प संस्थान ने बताया, ‘‘देश भर से विभिन्न जनजातियों के 150 नृत्य दल इस जनजातीय समागम में हिस्सा लेंगे और अपने पारंपरिक नृत्य और संगीत का प्रदर्शन करके पूरी दुनिया को ‘तू मैं एक रक्त’ का संदेश देंगे।’’