नयी दिल्ली, पांच फरवरी (भाषा) दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने वाले मतदाताओं ने महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण, रोजगार के बेहतर अवसर और राष्ट्रीय राजधानी के समग्र विकास पर जोर दिया।
कालकाजी के एक मतदान केंद्र पर पहली बार वोट डालने वाली प्रिया शर्मा (19) ने कहा, “मैं लोकतंत्र के महत्व के बारे में सुनकर बड़ी हुई हूं, लेकिन मतदान में हिस्सा लेना बिल्कुल अलग और आनंददायक अनुभव है। प्रत्येक वोट मायने रखता है और अब मैं हमारे भविष्य को आकार देने की कवायद का हिस्सा हूं। यह मेरे जीवन में आए एक नये मोड़ जैसा लगता है।”
माता सुंदरी कॉलेज की बीबीए प्रथम वर्ष की छात्रा और गोल मार्केट निवासी कशिश ने पहली बार वोट डालने का उत्साह साझा किया।
उसने कहा, “मेरे कॉलेज में, हम सभी दोस्त मतदान में हिस्सा लेने के लिए उत्सुक थे। मैं यहां महिलाओं के लिए बेहतर माहौल बनाने के उद्देश्य से वोट करने आई हूं। मैं अपनी मां के साथ अकेली रहती हूं और कभी-कभी यह मुश्किल हो सकता है। महिलाओं को हर समय अपनी सुरक्षा की चिंता नहीं सतानी चाहिए।”
विभिन्न मतदान केंद्रों पर पहली बार के कई मतदाताओं ने भी कुछ इसी तरह की राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि वोट डालना सिर्फ उनका नागरिक कर्तव्य भर नहीं है, बल्कि समाज को आकार देने और लोकतंत्र में अपनी आवाज उठाने की दिशा में बढ़ाया गया एक मजबूत कदम भी था।
दिलशाद गार्डन निवासी आरव गोस्वामी (20) ने कहा, “महिला सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। हमारी माताएं-बहनें सुरक्षित रहनी चाहिए, उन्हें सहज महसूस होना चाहिए।”
इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे आरव ने कहा, “मैं नौकरी मिलने को लेकर बहुत चिंतित हूं, क्योंकि बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है। मैं उम्मीद करता हूं कि मुझे अच्छी नौकरी मिलेगी। मैं रोजगार सृजन का समर्थन करता हूं।”
दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 699 उम्मीदवारों के भाग्य के फैसले के लिए 13,766 मतदान केंद्रों पर मतदान जारी है। राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी (आप) जहां तीसरी बार सत्ता बरकरार रखने की कवायद में जुटी है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन वापस हासिल करने की कोशिश कर रही हैं।
अबुल फजल एंक्लेव में पहली बार मतदान के लिए पहुंची मरियम (24) ने कहा, “हम सभी के लिए अच्छे अवसर और बेहतर जीवन स्तर चाहते हैं। यहां ओखला में स्वच्छता एक बड़ा मुद्दा है। सड़कें टूटी हुई हैं, जल निकासी की समस्या हर जगह है और खुली नालियां गंभीर चिंता पैदा करती हैं। बुनियादी ढांचे पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है, यह 2025 है।”