नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने से बढ़ते भारतीय बीमा बाजार में अधिक वैश्विक कंपनियां आकर्षित होंगी।
मूडीज रेटिंग्स ने मंगलवार को कहा कि इसके अलावा मजबूत प्रीमियम वृद्धि से क्षेत्र की लाभप्रदता बढ़ने की उम्मीद है।
कई विदेशी बीमा कंपनियां वर्तमान में संयुक्त उद्यमों के जरिये देश में मौजूद हैं। विनियमन में इस बदलाव के बाद वे अपनी भारतीय सहयोगी कंपनियों में अपनी स्वामित्व हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश कर सकती हैं।
मूडीज रेटिंग्स ने बयान में कहा, ‘‘ हम विदेशी निवेश को सकारात्मक मानते हैं, क्योंकि इससे उत्पाद नवाचार बढ़ता है। विदेशी हितधारकों की उपस्थिति से पूंजी पर्याप्तता, वित्तीय मजबूती और शासन मानकों के क्षेत्रों में भी लाभ मिलता है।’’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 का बजट पेश करते हुए नई पीढ़ी के वित्तीय क्षेत्र सुधारों के तहत बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा था।
मूडीज ने कहा कि इसके अलावा व्यक्तिगत आयकर में कटौती से बीमा क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इसमें कहा गया, ‘‘ बीमा क्षेत्र के सबसे बड़े लक्षित बाजार, मध्यम वर्ग में खर्च योग्य आय का स्तर बढ़ना, कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद के युग में स्वास्थ्य व सुरक्षा के बारे में बढ़ती जागरूकता को देखते हुए स्वास्थ्य बीमा के लिए विशेष रूप से अच्छा संकेत है।’’
सीतारमण ने बजट में व्यक्तिगत आयकर सीमा को सात लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये करने की घोषणा की थी। साथ ही कर ‘स्लैब’ में भी फेरबदल किया गया है।
मूडीज ने कहा, मजबूत आर्थिक वृद्धि से औसत घरेलू आय को समर्थन मिलता है और मांग बढ़ती है। इसका कारण उपभोक्ताओं में जोखिम के प्रति बढ़ती जागरूकता और भारतीय अर्थव्यवस्था का लगातार डिजिटलीकरण है, जिससे बीमा उत्पादों के वितरण व बिक्री में सुविधा होती है।
राजकोषीय समेकन के संबंध में मूडीज ने कहा कि बजट से ‘‘ राजकोषीय समेकन की धीमी गति का संकेत मिलता है, क्योंकि अब ध्यान वृद्धि को मजबूत करने पर केंद्रित हो गया है।’’