मुंबई, चार फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बीड जिला योजना समिति द्वारा 877 करोड़ रुपये के आवंटन में उस समय की गई कथित विसंगतियों की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का मंगलवार को गठन किया, जब उनके कैबिनेट सहयोगी धनंजय मुंडे संरक्षक मंत्री थे।
राज्य मंत्रिमंडल की मंगलवार को बैठक से पहले मुंडे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख अजित पवार से मुलाकात की, लेकिन बैठक का ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया गया है।
मुंडे बीड में सरपंच की हत्या के मामले को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं।
वर्ष 2023-24 और 2024-25 में जिला योजना समिति के तहत परियोजनाओं के लिए दी गई प्रशासनिक मंजूरी जांच के दायरे में होगी। बीड के प्रमुख रांकापा नेता मुंडे उस समय संरक्षक मंत्री थे।
पवार के करीबी सूत्रों के अनुसार, समिति सभी स्वीकृत कार्यों की समीक्षा करेगी और 2023-24 एवं 2024-25 में उनकी तकनीकी मंजूरी, उन्हें प्रारंभ करने के आदेश और निधि आवंटन की जांच करेगी।
समिति गठित करने का निर्णय ऐसे समय में लिया गया है, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश धस ने मुंडे के खिलाफ कुछ दिन पहले आरोप लगाए थे और पवार ने मामले में गहन जांच का आश्वासन दिया था।
सूत्रों ने बताया कि जांच समिति ने बीड जिलाधिकारी के कार्यालय में बैठक की और पिछले दो साल में किए गए सभी कार्यों का रिकॉर्ड मांगा।
भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा कि धाराशिव के उप जिलाधिकारी संतोष भोर समिति की अध्यक्षता करेंगे और समिति में आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक एम के भांगे और जालना जिला योजना अधिकारी सुनील सूर्यवंशी शामिल होंगे।
मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के बाद से विपक्ष मुंडे के इस्तीफे के लिए दबाव बढ़ा रहा है। मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मीक कराड को हत्या से संबंधित जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है।