उपग्रह कैसे पृथ्वी के नये स्वास्थ्य और प्रकृति प्रहरी बन गए हैं
Focus News 2 February 2025 0प्लायमाउथ (ब्रिटेन), दो फरवरी (द कन्वरसेशन) उपग्रह से प्राप्त पृथ्वी अवलोकन (ईओ) विवरण मेरे जैसे शोधकर्ताओं को पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य दोनों की निगरानी में नया नजरिया हासिल करने में मदद करता है।
मैं विभिन्न प्रकार की बीमारियों के बारे में जानकारी को एक डिजिटल मंच पर एकीकृत करने के लिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की ‘ईओ4 हेल्थ रेजिलिएंस’ परियोजना के साथ काम कर रहा हूं। वर्ष 2025 की गर्मियों में शुरू होने वाली इस परियोजना का उद्देश्य चिकित्सा पेशेवरों के लिए ईओ विवरण तक पहुंच में सुधार करना, जन स्वास्थ्य में अधिक बेहतर निर्णय लेने में सहायता करना और भविष्य में बीमारी से होने वाली अधिक मौतों को रोकना है।
पर्यावरण की स्थिति और पशु स्वास्थ्य दोनों ही मानव स्वास्थ्य से बहुत करीब से जुड़े हुए हैं। जलवायु परिवर्तन का इन संबंधों पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि इससे 2003 में सार्स और हाल ही में एच5एन1 बर्ड फ्लू जैसी संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ जाती है।
वनों की कटाई जैसे व्यवधानों से वन्यजीवों से लोगों में बीमारी (जैसे कोविड-19) फैलने का खतरा बढ़ सकता है। चिकित्सा के अलावा कई अन्य कारक भी स्वास्थ्य को निर्धारित करते हैं, जैसे स्वच्छता, जल आपूर्ति और कृषि पद्धतियां।
ऐसे समय में जब सरकारें स्वास्थ्य सेवा की बढ़ती लागत से निपटने के लिए संघर्ष कर रही हैं, संक्रामक रोगों के प्रकोप से बचना महत्वपूर्ण है। इसलिए, अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान और निगरानी करने तथा जोखिम से बचने के उपायों के बारे में जनता को बताने का महत्व बढ़ जाता है।
उपग्रह विवरण से तीन अलग-अलग प्रकार की बीमारियों के लिए पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य निगरानी में सुधार लाया जा सकता है :
1.जलजनित रोग
जलवायु परिवर्तन और मानव प्रवासन के प्रभाव के बारे में चिंता बढ़ रही है। इससे प्रमुख जीवाणुजनित जलजनित संक्रामक रोगों का वैश्विक प्रसार तेज हो रहा है। ईओ प्रौद्योगिकी जलवायु परिवर्तन पर नजर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि यह लंबे समय तक बड़े क्षेत्रों की निगरानी करती है, अक्सर इतने व्यापक पैमाने पर कि परिवर्तनों को स्पष्ट रूप से पहचानना संभव हो पाता है।
हाल में हुए एक अध्ययन में अनुमान जताया गया है कि 1995 की तुलना में 2090 तक अमेरिका में गैर-हैजा विब्रियो संक्रमण के मामलों में 50 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र की सतह का तापमान बढ़ रहा है और गर्म तापमान में बैक्टीरिया की संख्या में वृद्धि होने के साथ ही उनका प्रसार भी तेज हो सकता है। उपग्रह तापमान में होने वाले परिवर्तनों पर नजर रखने में मदद कर सकते हैं। इस प्रकार ये प्रकोप के लिहाज से सबसे ज्यादा संवेदनशील स्थानों की पहचान कर सकते हैं।
2.वेक्टर जनित रोग
वेस्ट नाइल वायरस और मलेरिया जैसे वेक्टर जनित रोग वैश्विक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण खतरा पैदा करते हैं। ये मच्छरों द्वारा फैलते हैं और तंत्रिका तंत्र संबंधी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। वेक्टर जनित रोग मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण हैं, विशेष रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में।
इटली में मेरे सहकर्मियों ने वेस्ट नाइल वायरस के संक्रमण के बारे में नयी जानकारी प्राप्त करने के लिए ईओ विवरण का इस्तेमाल किया।
3.गैर-संक्रामक रोग
गैर-संक्रामक रोग, जैसे कि गर्मी की वजह से होने वाली हृदय संबंधी बीमारियां वैश्विक स्तर पर मौत के शीर्ष कारणों में से एक हैं। अत्यधिक गर्मी में लंबे समय तक रहने से हृदय पर दबाव पड़ सकता है, जिससे दिल के दौरे और ‘स्ट्रोक’ का खतरा बढ़ जाता है।
शहरीकरण, जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण जैसे पर्यावरणीय कारक स्वास्थ्य जोखिमों को बढ़ाते हैं। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा वित्तपोषित कई ईओ परियोजनाएं सतह के तापमान, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, हरित स्थानों, नदियों और झीलों का मानचित्रण करने के लिए एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और उपग्रह आंकड़ों का इस्तेमाल करती हैं।
भविष्य में, उपग्रह महासागरों में प्लास्टिक प्रदूषण पर नजर रख सकेंगे। समुद्री जीव प्लास्टिक के कणों को खाते हैं, जिन्हें मनुष्य समुद्री आहार के माध्यम से ग्रहण करते हैं। प्लास्टिक में मौजूद रसायन मनुष्यों में हार्मोन संबंधी गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं और कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।