फडणवीस-शिंदे के बीच ‘मतभेद’ से महाराष्ट्र का विकास प्रभावित हुआ: संजय राउत का दावा

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मुंबई, दो फरवरी (भाषा) शिवसेना (उबाठा) सांसद संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच ‘‘तनावपूर्ण संबंध’’ राज्य की प्रगति में बाधा डाल रहे हैं।

राउत ने शिवसेना (उबाठा) के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोकठोक’ में दावा किया कि शिंदे अभी तक इस तथ्य को स्वीकार नहीं कर पाए हैं कि नवंबर 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद पुन: नहीं दिया गया और वह इस पद को फिर से हासिल करने की बेहद कोशिश कर रहे हैं और फडणवीस इससे अच्छी तरह से वाकिफ हैं।

पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा से मिलकर बनी ‘महायुति’ ने राज्य की 288 सीट में से 230 सीट जीती थीं।

राज्यसभा सदस्य ने आरोप लगाया, ‘‘मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और भाजपा समर्थित उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच अब कोई बातचीत नहीं होती और जनता के लिए यह मनोरंजन का विषय बन गया है।’’

राउत ने दावा किया कि इस ‘‘मतभेद’’ से महाराष्ट्र सरकार का कामकाज प्रभावित हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘बहुमत होने के बावजूद प्रशासन पंगु बना हुआ है। जो लोग विश्वासघात करके आगे बढ़ते हैं वे अक्सर इससे ही गिरते हैं। शिंदे पर हमले शुरू हो गए हैं और महाराष्ट्र अनिश्चितता तथा अव्यवस्था की स्थिति में आ गया है।’’

राउत ने यह भी दावा किया कि शिंदे के राजनीतिक क्षेत्र ठाणे पर उनका नियंत्रण भाजपा व्यवस्थित रूप से कम कर रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा मंत्री गणेश नाइक को पड़ोसी पालघर जिले का प्रभारी मंत्री नियुक्त करना कथित तौर पर इसी रणनीति का हिस्सा है।

राउत ने स्तंभ में लिखा, ‘‘नाइक पहले शिवसेना-भाजपा सरकार में मंत्री थे जबकि शिंदे सिर्फ एक नगर पार्षद थे। वह शिंदे से आदेश नहीं लेंगे।’’

दरअसल नाइक ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह चाहते हैं कि भाजपा ठाणे में फले-फूले, जिससे संकेत मिलता है कि दोनों सहयोगी दलों के बीच खींचतान है।

राउत के अनुसार सरकार में शिंदे की भूमिका काफी कम हो गई है और वह अक्सर मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठकों से अनुपस्थित रहते हैं या जब आते भी हैं तो काफी देर से आते हैं।

उन्होंने दावा किया, ‘‘30 जनवरी को वह ‘वर्ल्ड ट्रेड सेंटर’ में जिला योजना समिति की बैठक में ढाई घंटे देरी से पहुंचे।’’ राउत ने आरोप लगाया कि शिंदे को लगता है कि भाजपा नेतृत्व ने उन्हें धोखा दिया है।

शिवसेना के एक वरिष्ठ विधायक के हवाले से राउत ने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शिंदे को आश्वासन दिया था कि 2024 का विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा और वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे।

राउत ने विधायक के हवाले से दावा किया कि ऐसा माना जाता है कि वादे से उत्साहित होकर शिंदे ने चुनाव प्रचार में काफी धन खर्च किया लेकिन जब समय आया तो शाह ने कथित तौर पर अपना वादा नहीं निभाया जिससे शिंदे को महसूस हुआ कि उन्हें धोखा दिया गया है।

राउत ने कहा कि विधायक ने उन्हें यह भी बताया कि शिंदे को अब संदेह है कि उनके फोन कॉल की निगरानी की जा रही है और केंद्रीय एजेंसियां ​​उनकी गतिविधियों पर नजर रख रही हैं।

उन्होंने दावा किया, ‘‘एक विधायक ने मुझे बताया कि शिंदे को यकीन है कि उन पर और उनके सहयोगियों पर नजर रखी जा रही है।’’

भाजपा के एक वरिष्ठ मंत्री ने हाल में ‘तनाव’ की खबरों को खारिज किया था और कहा था कि फडणवीस और शिंदे के बीच कोई ‘‘बड़े मतभेद’’ नहीं हैं।

हालांकि राउत ने भाजपा नेता की बात को खारिज करते हुए कहा कि शिवसेना के विभाजन (जून 2022 में) से पहले भी इसी तरह के दावे किए गए थे लेकिन ‘‘उसके बाद जो हुआ, वह पूरे देश ने देखा।’’

राउत ने दावा किया, ‘‘शिंदे का नेतृत्व अब सुरक्षित नहीं है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा उनके (शिंदे) खिलाफ काम कर रही है।

राउत ने कहा कि शिंदे के विपरीत उपमुख्यमंत्री अजित पवार अधिक मजबूत स्थिति में हैं।

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