हासिल किया जा सकता है 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्यः डेलॉयट

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नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) वित्तीय सेवा परामर्श कंपनी डेलॉयट इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र या विकसित भारत का दर्जा दिलाने का लक्ष्य हासिल हो सकता है।

कंपनी ने विनिर्माण और सेवाओं पर विशेष ध्यान देने तथा मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के उपायों की वकालत की।

शुक्रवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2024-25 में कहा गया है कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए कम से कम एक दशक तक औसतन आठ प्रतिशत की वृद्धि की आवश्यकता है।

डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा, ‘‘हमारी गणना के अनुसार, 2047 तक 30 हजार अरब डॉलर तक पहुंचने के लिए हमें कम से कम सात प्रतिशत की वृद्धि की आवश्यकता है। यह एक ऐसा गणित है जिसे हमने चार प्रतिशत मुद्रास्फीति दर और लगभग डेढ़ प्रतिशत मूल्यह्रास मानकर किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत को सेवा क्षेत्र और विनिर्माण क्षेत्र में गति की आवश्यकता है। क्योंकि विकास की संभावनाएं यहीं हैं। ..और यह सिर्फ हर क्षेत्र में नहीं, बल्कि उच्च मूल्य वर्धित क्षेत्रों में भी है।’’

पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि आठ प्रतिशत की दर कुछ वर्षों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, खासकर जब भू-राजनीतिक परिदृश्य अनिश्चित हो, लेकिन एक बार गति प्राप्त हो जाने पर, वास्तव में इसका इससे भी अधिक ऊपर चढ़ना संभव हो सकता है।

मजूमदार ने बताया कि यद्यपि विनिर्माण और सेवाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, लेकिन विनिर्माण का सेवाकरण एक पूर्णतया अप्रयुक्त क्षेत्र है, जिसका यदि अगले चार-पांच वर्षों में सही ढंग से उपयोग किया जाए, तो इसके कई गुना प्रभाव होंगे।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि मुद्रास्फीति नियंत्रित रहे और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लक्ष्य के भीतर रहे, जिससे लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा।

मजूमदार ने कहा, ”…और मुझे लगता है कि तब औसतन आठ प्रतिशत हासिल करना अपेक्षाकृत आसान होगा। इसलिए, यह एक प्राप्त करने योग्य लक्ष्य है।”

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