महाराष्ट्र सरपंच हत्याकांड मामले में धनंजय मुंडे को इस्तीफा देना चाहिए: सुले

0
Zasrtyhgfds

मुंबई, 29 जनवरी (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने बुधवार को कहा कि बीड सरपंच हत्या मामले को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे धनंजय मुंडे को ‘नैतिकता के आधार’ पर मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की जघन्य हत्या को 50 दिन बीत चुके हैं, लेकिन मुंडे के करीबी सहयोगी पर उंगलियां उठने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार से राकांपा मंत्री को बर्खास्त नहीं किया गया है।

मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को हत्या से जुड़े जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है। मुंडे वर्तमान में देवेंद्र फडणवीस नीत मंत्रिमंडल में खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग संभाल रहे हैं।

पुलिस के अनुसार मासाजोग के सरपंच संतोष देशमुख को नौ दिसंबर को बीड जिले में एक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली की कोशिश को रोकने का प्रयास करने को लेकर अगवा कर लिया गया, उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। कराड को जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है और वह न्यायिक हिरासत में है।

उन्होंने कहा, ‘‘अनिल देशमुख ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत के आरोप लगने के बाद गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। नवाब मलिक, छगन भुजबल को अफवाहों के आधार पर गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया।’’

अनिल देशमुख, शरद पवार की पार्टी राकांपा (एसपी) से हैं, भुजबल और मलिक उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पार्टी राकांपा से हैं। धनंजय मुंडे भी अजित पवार की पार्टी से हैं।

बारामती की सांसद सुले ने दावा किया कि सत्तारूढ़ भाजपा नीत महायुति गठबंधन के नेता भी चाहते थे कि मुंडे इस्तीफा दे दें।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं मंत्री होती और मेरी पार्टी 50 दिनों तक इस तरह सुर्खियों में रहती तो मैं नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देती। मैं पीछे हट जाती और अपनी पार्टी से कहती कि मैं पार्टी को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए आई हूं, न कि अपनी पार्टी को इस तरह नुकसान पहुंचाते हुए देखना चाहती हूं।’’

सुले ने कहा, ‘‘लाभ का पद संबंधी आरोपों के बाद सोनिया गांधी ने तुरंत इस्तीफा दे दिया था। वह मंत्री भी नहीं थीं।’’

कांग्रेस नेता एवं तत्कालीन सांसद सोनिया गांधी पर आरोप था कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्ष होने के नाते वह लाभ के पद पर है। आरोप लगाने के बाद सोनिया गांधी ने 2006 में सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *