जब प्रधानमंत्री मोदी ने सीबीसी के पूर्व प्रमुख से पूछा, क्या मेरे लिए प्रशिक्षण योजना नहीं है?

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नयी दिल्ली, 17 अगस्त (भाषा) देश के नौकरशाहों के लिए केंद्र के महत्वाकांक्षी क्षमता निर्माण कार्यक्रम का एजेंडा और लक्ष्य खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तय किया था, जिन्होंने एक बार यह भी पूछा था कि उनके (प्रधानमंत्री) लिए कोई प्रशिक्षण योजना बनाई गई है या नहीं। क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) के पूर्व प्रमुख आदिल जैनुलभाई ने रविवार को यह बात कही।

भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) के अध्यक्ष रहे जैनुलभाई को एक अप्रैल, 2021 को सीबीसी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। चार साल पूरे करने के बाद उन्होंने हाल में इस महत्वपूर्ण पद से इस्तीफा दे दिया।

जैनुलभाई ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “प्रधानमंत्री ने एजेंडा तय किया और हमें प्रोत्साहित किया। उन्होंने बहुत ऊंचा लक्ष्य रखा और हमें कुछ करने को कहा। जब मैंने पहली बार उन्हें अद्यतन जानकारी दी तो उन्होंने कहा कि एक महत्वपूर्ण बात छूट गई है, वह यह कि आपने मेरे लिए कोई प्रशिक्षण योजना नहीं बनाई है।”

वर्ष 2021 में स्थापित ‘सीबीसी’ सिविल सेवा में क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम ‘मिशन कर्मयोगी’ का संचालन करता है।

‘मिशन कर्मयोगी’ के अंतर्गत सरकारी अधिकारियों में क्षमता निर्माण का उद्देश्य भूमिका-आधारित प्रशिक्षण के माध्यम से उनके दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान को बढ़ाना है। ‘मिशन कर्मयोगी’ का उद्देश्य विभिन्न सरकारी मंत्रालयों/विभागों के बीच की खाई को पाटना और साझा राष्ट्रीय लक्ष्यों और प्राथमिकताओं की दिशा में सहयोगात्मक, संयुक्त प्रयास को प्रोत्साहित करना है।

आयोग में अपने कार्यकाल के बारे में जैनुलभाई ने कहा कि सीबीसी की शुरुआत प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से हुई थी और प्रारंभ में इसका ध्यान नौकरशाहों में क्षमता निर्माण पर था, जो उनके काम के लिए आवश्यक था, साथ ही नागरिक केंद्रित होने और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने कहा, “जो हासिल हुआ है, वह तो बस शुरुआत है, अभी बहुत कुछ करना बाकी है।”

जैनुलभाई ने कहा कि कई देश ‘मिशन कर्मयोगी’ और डिजिटल मंचों, तथा अपने नौकरशाहों में क्षमता निर्माण के लिए इसके पाठ्यक्रमों तक पहुंच चाहते हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने कैरेबियाई और अफ्रीकी देशों से इसका वादा किया है।”

जैनुलभाई ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रस्तुत दृष्टिकोण प्रत्येक नौकरशाह को उनकी भूमिका के लिए आवश्यक क्षमताओं का निर्माण करने में मदद करना, नागरिक केंद्रित बनना और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना है।

उन्होंने कहा कि एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (आईजीओटी) कार्यक्रम पर 3,200 से ज़्यादा पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं और 1.25 करोड़ से ज़्यादा ‘कर्मयोगी’ या कर्मचारी इस डिजिटल मंच पर हैं। जैनुलभाई ने कहा कि हर नयी योजना में आईजीओटी पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा।

जैनुलभाई ने कहा कि इस साल के अंत तक 20 लाख सरकारी कर्मचारी “सेवा भाव” पर एक दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त कर लेंगे। उन्होंने कहा कि राज्यों, शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों को डिजिटल प्रशिक्षण में शामिल किया जा रहा है।