तिरुवनंतपुरम, 23 जनवरी (भाषा) केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मसौदा दिशा-निर्देशों पर राज्य सरकार के विरोध और आलोचना की पृष्ठभूमि में बृहस्पतिवार को कहा कि अंतिम संस्करण जारी करने से पहले सभी के विचारों पर गौर किया जाएगा।
आर्लेकर ने यह भी कहा कि भारत एक लोकतंत्रिक देश है और ‘‘इस देश में हर किसी को किसी भी विषय पर कुछ भी कहने का अधिकार है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है।’’
केरल विधानसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से यूजीसी के मसौदा दिशा-निर्देशों को वापस लेने और संशोधित संस्करण जारी करने का आग्रह किया था।
आर्लेकर ने कहा कि यूजीसी के मसौदा दिशा-निर्देशों के बारे में सभी विचार उचित व्यक्ति या उचित मंच के पास जाने चाहिए और वे इस पर चर्चा करेंगे।
राज्यपाल ने यहां पूर्व मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन से उनके आवास पर मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, “यह अभी मसौदा है अंतिम संस्करण नहीं है। इसलिए सभी के विचारों पर गौर करते हुए वे अंतिम दस्तावेज लाएंगे।’’
आर्लेकर ने अच्युतानंदन के परिवार के सदस्यों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
आर्लेकर ने कहा कि उन्होंने कॉलेज के दिनों से ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता अच्युतानंदन के बारे में सुना था और वह सार्वजनिक जीवन में एक आदर्श व्यक्ति हैं।