जयपुर, 22 जनवरी (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने युवाओं विशेषकर स्कूल, कॉलेज के छात्रों में नशाखोरी की बढ़ती लत पर चिंता जताते हुए इसे पूरे समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बताया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सरकार एवं समाज दोनों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
गहलोत ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा कि पूरे देश में नशे की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। पहले आमतौर पर कॉलेज में जाने पर बच्चों का नशे के प्रति रुझान दिखता था, लेकिन अब स्कूल भी इस समस्या से अछूते नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों से बात करने पर पता चलता है कि 10वीं, 12वीं के बच्चे भी शराब और नशे की लत का शिकार हो रहे हैं। ऐसी बातें सामने आई हैं कि बच्चे हर छोटे-बड़े आयोजन में शराब का सेवन करते हैं, जो पूरे समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि नशे के बढ़ते खेल के पीछे वजह प्रशासन और सरकार का इस ओर बेहद गंभीर नहीं होना, पुलिस की इस व्यापार में शामिल लोगों के साथ संलिप्तता तथा अभिभावकों के पास बच्चों के लिए पर्याप्त समय नहीं होना है।
गहलोत के अनुसार, ‘‘राजस्थान की ही बात करें तो पांच साल में 50 से अधिक पुलिसकर्मी नशे के कारोबार में शामिल पाए गए हैं।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि मादक पदार्थ पर प्रतिबंध के कानून हैं एवं सजा का भी प्रावधान है, लेकिन मुकदमे का लंबा समय, सबूतों का अभाव जैसी वजहों से आरोपी छूट जाते हैं। ‘एमडीएमए टैबलेट’ जैसी नशे की गोलियां बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं जिससे युवा इसके चंगुल में फंसते जा रहे हैं और हमारी नयी पीढ़ी बर्बाद हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को सरकार एवं समाज दोनों के तौर पर ये सोचना होगा कि क्या पैसा कमाना, स्वयं के लिए सुख-सुविधाएं जुटाते रहना या अन्य प्राथमिकताएं हमारे बच्चों के भविष्य से अधिक जरूरी हैं? क्या इसको लेकर कोई प्रभावी कार्रवाई हम नहीं कर सकते?’’
राजस्थान के हालात का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘वैसे तो ये समस्या पूरे प्रदेश में ही फैलती जा रही है लेकिन गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर में तस्कर गिरोह सक्रिय रूप से नशे का कारोबार चला रहे हैं। हमारे समय में (कांग्रेस के कार्यकाल में) लगातार इन पर कार्रवाई की गई थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब राजस्थान सरकार को विशेष तौर पर इन इलाकों पर फोकस कर कार्रवाई करनी चाहिए जिससे युवाओं के भविष्य को बर्बाद होने से बचाया जा सके।’’