शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली, सेंसेक्स 1,235 अंक टूटकर सात महीने के निचले स्तर पर

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मुंबई, 21 जनवरी (भाषा) अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के साथ ही दुनिया में व्यापार युद्ध गहराने की आशंका और विदेशी निवेशकों की निकासी जारी रहने से घरेलू शेयर बाजार मंगलवार को धड़ाम हो गए। व्यापक बिकवाली से सेंसेक्स 1,235 अंकों का गोता लगाते हुए सात महीने के निचले स्तर पर बंद हुआ।

इस चौतरफा बिकवाली के बीच निवेशकों ने एक ही दिन में सात लाख करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी गंवा दी।

विश्लेषकों ने कहा कि ट्रंप के फैसलों को लेकर व्यापार जगत में व्याप्त आशंकाएं उनके शपथ लेने के साथ ही गहराने लगी हैं। इसके साथ दिग्गज कंपनियों आईसीआईसीआई बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज में बिकवाली से भी धारणा प्रभावित हुई।

बेहद उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 1,235.08 अंक यानी 1.60 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ 75,838.36 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 1,431.57 अंक फिसलकर 75,641.87 पर आ गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी 320.10 अंक यानी 1.37 प्रतिशत गिरकर 23,024.65 पर बंद हुआ। यह छह जून, 2024 के बाद का सबसे निचला स्तर है। कारोबार के दौरान एक समय निफ्टी 367.9 अंक गिरकर 22,976.85 पर आ गया था।

बड़े पैमाने पर बिकवाली होने से बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 7,52,520.34 करोड़ रुपये घटकर 4,24,07,205.81 करोड़ रुपये (4.90 लाख करोड़ डॉलर) रह गया।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “अस्थिरता हावी होने के बीच घरेलू बाजारों में काफी गिरावट देखी गई। ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण के ही दिन पड़ोसी देशों पर व्यापार शुल्क लगाने की घोषणा कर दी जिससे वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ गई।”

नायर ने कहा कि तीसरी तिमाही के नतीजों में कमजोरी के बीच डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट की वजह से भी संस्थागत विदेशी निवेशक (एफआईआई) अधिक निकासी कर सकते हैं।

सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से जोमैटो के शेयरों में सर्वाधिक 10.92 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखी गई। कमजोर तिमाही नतीजों के बाद जोमैटो के निवेशकों ने बिकवाली का रुख किया।

इसके अलावा एनटीपीसी, अदाणी पोर्ट्स, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा और एक्सिस बैंक में प्रमुख रूप से गिरावट रही।

चौतरफा बिकवाली का इस कदर जोर देखने को मिला कि सेंसेक्स की कंपनियों में से सिर्फ अल्ट्राटेक सीमेंट और एचसीएल टेक्नोलॉजीज ही लाभ की स्थिति में रहीं।

मझोली कंपनियों से जुड़ा बीएसई मिडकैप सूचकांक में दो प्रतिशत और छोटी कंपनियों के स्मालकैप सूचकांक में 1.94 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखी गई।

क्षेत्रवार सूचकांकों में रियल्टी खंड में 4.22 प्रतिशत की बड़ी गिरावट रही। इसके अलावा टिकाऊ उपभोक्ता खंड में 3.99 प्रतिशत और विवेकाधीन उपभोक्ता खंड में 2.90 प्रतिशत की गिरावट रही।

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, “पिछले कुछ दिनों से बाजार में सतर्कता हावी दिख रही थी लेकिन ट्रंप के शुरुआती ऐलान से घबराए निवेशकों को मंगलवार के दिन अंधाधुंध बिकवाली शुरू कर दी। अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने की स्थिति में आगे और बिकवाली देखने को मिल सकती है।”

बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों में से 2,788 के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए जबकि 1,187 शेयरों में तेजी रही और 113 अन्य अपरिवर्तित रहे।

एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की एवं हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त पर रहे जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट एवं दक्षिण कोरिया का कॉस्पी अपरिवर्तित रहे।

यूरोपीय बाजार बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। सोमवार को मार्टिन लूथर किंग जूनियर दिवस के अवसर पर अमेरिकी बाजार बंद रहे थे।

इस बीच वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.76 प्रतिशत गिरकर 79.54 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई ने सोमवार को 4,336.54 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की।

बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 454.11 अंक उछलकर 77,073.44 और एनएसई निफ्टी 141.55 अंक चढ़कर 23,344.75 पर बंद हुए थे।

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