सुनने में कुछ अजीब सा लगता है। दांतों की सफाई तो ब्रशिंग करके की जाती है पर त्वचा की सफाई कैसे ब्रशिंग द्वारा की जाती है। त्वचा को झुर्रियांे से दूर रखने के लिए और त्वचा को लचीला रखने के लिए त्वचा की साफ सफाई का ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है। चारों तरफ वातावरण इतना प्रदूषित है कि इसका सीधा प्रभाव त्वचा और स्वास्थ्य पर पड़ता है। बाहरी त्वचा तो हम पानी से साफ कर लेते हैं पर ढके हुए भाग को बस नहाते हुए साफ करते हैं दिन में एक बार। यदि एक बार भी नहाते समय सही तरीके से शरीर की त्वचा की सफाई कर ली जाए तो उस प्रदूषण के प्रभाव से आप अपनी त्वचा को कुछ हद तक मुक्त रख सकते हैं। प्रदूषण और धुएं से त्वचा पर गंदगी चिपक जाती है और त्वचा तैलीय सी लगती है। यदि हम सफाई नहीं रखेंगे तो मृत त्वचा की परत जमती चली जाएगी और हमारे रोमकूप बंद हो जाएंगे और त्वचा सांस नहीं ले पाएगी जिससे धीरे धीरे त्वचा की रौनक कम होती जाएगी। त्वचा ढीली पड़ जाएगी और त्वचा पर दाग धब्बे पड़ जाएंगे। मृत त्वचा को साथ साथ ब्रशिंग करके साफ रख सकते हैं जिससे त्वचा अच्छी तरह से सांस ले सके। ब्रशिंग करने के तरीकेः- ब्रश या लूफा का प्रयोग सूखी त्वचा पर करें। ब्रशिंग रात को सोने से पहले या प्रातः नहाने से पहले कर सकते हैं। , ब्रशिंग हमेशा नीचे से ऊपर की ओर करें ताकि रक्त संचार ठीक बना रहे और रक्त का बहाव हृदय की तरफ हो। ब्रश हमेशा अपने शरीर पर हल्के हाथों से चलाएं। पंजों, एडि़यों व पैरों से ब्रशिंग करते हुए ऊपर की ओर जाएं। बाजुओं पर ब्रश हथेलियों के पीछे वाले भाग के ऊपर से लेकर बगलों की तरफ ले जाएं। गर्दन से नीचे की ओर ब्रश करें। इसी प्रकार गर्दन के आगे के भाग पर ब्रश करते हुए कंधों से छाती की ओर चलाएं। पेट पर ब्रश गोल-गोल बाएं से दाएं ले जाएं। ब्रश करने के आधे घंटे के अंतराल में स्नान करें। ब्रश करते समय रक्त संचार तेज होता है इसलिए नार्मल होने पर ही स्नान करें। नायलॉन का लूफा या ब्रश बाजार में उपलब्ध हैं। चाहें तो पारंपरिक तुरई के लूफे का प्रयोग भी कर सकते हैं। यदि दोनों में से कुछ भी उपलब्ध न हो तो साफ्ट हैंड टावल भी प्रयोग किया जा सकता है। ध्यान रखें लूफा प्रयोग करते समय हाथों का दबाव अधिक न रखें। इससे त्वचा पर झुर्रियां पड़ सकती हैं।