पुणे-नासिक रेलवे परियोजना के लिए जीएमआरटी को हम नहीं छेड़ेगे: वैष्णव

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पुणे, 11 जनवरी (भाषा) रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि आगामी पुणे-नासिक रेल परियोजना के चलते ‘विशाल मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी)’ को स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसका एकमात्र विकल्प रेलवे परियोजना के तहत उसके मार्ग में बदलाव करना है।

जीएमआरटी पुणे से लगभग 60 किमी दूर, पुणे-नासिक राजमार्ग पर नारायणगांव के पास खोडाड गांव में स्थित है।

अनुसंधानकर्ताओं ने पुणे-नासिक ‘सेमी-हाई-स्पीड’ रेल परियोजना को केंद्र से सैद्धांतिक मंजूरी मिल जाने के बाद इस वैज्ञानिक केंद्र के संचालन में संभावित व्यवधान की आशंका व्यक्त की है।

हाल में राकांपा (एसपी) के सांसद अमोल कोल्हे ने इस रेलवे परियोजना की खातिर जीएमआरटी को अन्यत्र ले जाने का प्रस्ताव रखा।

वैष्णव ने यहां सीडैक में प्रेसवार्ता में कहा, ‘‘ नासिक और पुणे के बीच स्थित जीएमआरटी इस परियोजना के लिए एक चुनौती थी। यह बस भारत के लिए दूरबीन भर नहीं है, बल्कि यह 23 देशों की भी (संपदा) है। हमें इन सभी देशों को दूरबीनों को स्थानांतरित करने के लिए सहमत करना होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ स्थानांतरण का मतलब है भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान के सबसे शक्तिशाली केंद्र को कमजोर करना। इसीलिए हमने जीएमआरटी को उसके वर्तमान स्थान से न हटाने का फैसला किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अगर हम इस इलाके को देखें और पश्चिम में अरब सागर की तरफ जाएं तो हमें घाट मिलते हैं। अगर हम वहां चले गए तो परियोजना मुश्किल में फंस जायेगी। दूसरी तरफ मनमाड़-अहिल्यानगर मार्ग है। मनमाड़, अहिल्यानगर-दौंड मार्ग पहले से ही है। इस मार्ग के साथ समानांतर संरेखण का विकल्प भी है।’’

वैष्णव ने कहा कि दूसरा विकल्प नासिक-शिरडी-अहिल्यानगर-पुणे ‘हाईस्पीड’ मार्ग है। उन्होंने कहा, ‘‘ इन दो विकल्पों पर दल काम कर रहा है और हमें जल्द ही परिणाम मिलेंगे।’’

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