वर्तमान संदर्भों में कहें तो आज हम ऐसे देश में रह रहे हैं जिसमें हिंदू, हिंदी, हिंदुस्तान पर सबसे ज्यादा जोर है। हिंदू संस्कृति और सनातनी सभ्यता पिछले कुछ समय से रोज ही हवा में तैरती दिखाई दे जाती हैं । हालांकि सच यह भी है कि संवैधानिक रूप से आज भी हम एक पंथ या धर्मनिरपेक्ष राज्य हैं लेकिन फिर भी भारत के अधिकांश निवासियों का प्रेम हिंदी के प्रति अटूट है । (हालांकि इसमें कुछ किंतु, परंतु भी शामिल हैं)
हिंदी के महत्व को देखते हुए ही गांधी जी ने स्वाधीनता आंदोलन के दौरान कहा था कि यदि इस देश की कोई एक राष्ट्रभाषा हो सकती है तो वह हिंदी के अलावा दूसरी नहीं हो सकती । लेकिन गांधीवाद पर चलने वाला देश होने के बावुजूद भारत आज तक भी हिंदी को अपनी राष्ट्रभाषा घोषित नहीं कर पाया है और इसका स्थान संविधान की 26वीं अनुसूची में वैसा ही है जैसा अन्य राजभाषाओं का है ।
अब देश में हिंदी की हालत कैसी भी हो लेकिन अपने महत्व एवं उपयोगिता तथा एक वैज्ञानिक भाषा के रूप में हिंदी ने दुनिया पर में अपनी जगह बनाई है और हिंदी के विकास तथा उसके भविष्य में और भी अधिक उपयोगी होने की संभावनाओं को देखते हुए आज दुनिया भर में 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। हिंदी को एक प्रमुख भाषा के रूप में वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के उद्देश्य से पहली बार 10 जनवरी 2006 को भारत सरकार के द्वारा विश्व हिंदी दिवस मनाया गया था। जबकि 10 जनवरी 1949 को भारतीय सरकार ने हिंदी को राजभाषा के रूप में अपनाया था।
विश्व में हिंदी :
हिंदी भाषा का प्रभाव केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विभिन्न देशों में भी बोली जाती है। पाकिस्तान, नेपाल, बांगलादेश, और श्रीलंका में हिंदी का व्यापक उपयोग होता है। इसके अलावा, पश्चिमी देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और फिजी में भी हिंदी बोलने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है। संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदी का एक मजबूत समाज है, और वहां की शिक्षा प्रणाली में भी हिंदी को एक विदेशी भाषा के रूप में पढ़ाया जाता है।
हिंदी, भारतीय उपमहाद्वीप की प्रमुख भाषाओं में से एक है, जो न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में व्यापक रूप से बोली जाती है। भारतीय संविधान की राजभाषा के रूप में स्थापित देवनागरी हिंदी को भारत में लगभग 44% लोग अपनी मातृभाषा के रूप में इस्तेमाल करते हैं। और आज जब विश्व एक छोटे से ग्लोबल गांव जैसा हो गया है तब हिंदी का महत्व और उपयोग न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ रहा है।
आज हिंदी का उपयोग तकनीकी और मीडिया के क्षेत्र में भी बढ़ता जा रहा है। इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर हिंदी का व्यापक रूप से उपयोग होता है। हिंदी ब्लॉग, यूट्यूब चैनल, और सोशल मीडिया पोस्ट्स की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, विभिन्न भारतीय समाचार चैनल, रेडियो स्टेशन और डिजिटल मीडिया कंपनियां हिंदी में कंटेंट तैयार करती हैं, जिससे हिंदी की पहुँच और लोकप्रियता बढ़ी है।
हिंदी का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व इसी से समझा जा सकता है कि हिंदी भाषा भारतीय साहित्य, कला, संस्कृति, संगीत, और धर्म की अभिव्यक्ति का एक प्रमुख माध्यम है। हिंदी साहित्य में कबीर, सूरदास, तुलसीदास जैसे महान कवियों की रचनाएँ भारतीय समाज के आत्मीय पहलुओं को प्रस्तुत करती हैं। हिंदी फिल्म उद्योग, ‘बॉलीवुड’ विश्वभर में लोकप्रिय है और अपने फिल्मी अंदाज में भारतीय संस्कृति का प्रचार करता है।
कुछ लोगों को लगता होगा कि हिंदी केवल भारत तक सीमित है लेकिन ऐसा नहीं है। हिंदी भाषा का प्रभाव केवल भारत तक ही नहीं है अपितु पाकिस्तान, नेपाल, बांगलादेश, और श्रीलंका में भी हिंदी का व्यापक उपयोग होता है। इसके अलावा, पश्चिमी देशों अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और फिजी में भी हिंदी बोलने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदी का समर्थन करने वाला का एक बड़ा समाज है, और वहां की शिक्षा प्रणाली में भी हिंदी को एक विदेशी भाषा के रूप में पढ़ाया जाता है।
हिंदी विश्व में तेजी से विकसित होने वाली भाषाओं में से एक है और आज हिंदी का उपयोग तकनीकी और मीडिया के क्षेत्र में भी बढ़ता जा रहा है। इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर हिंदी का व्यापक रूप से उपयोग हो रहा है। हिंदी ब्लॉग, यूट्यूब चैनल, और सोशल मीडिया पोस्ट्स जबरदस्त में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, विभिन्न भारतीय समाचार चैनल, रेडियो स्टेशन और डिजिटल मीडिया कंपनियां हिंदी में कार्य को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे हिंदी की पहुँच और लोकप्रियता बढ़ी है। इसे इस तरह भी समझा जा सकता है कि आज देश भर में जितने भी लोकप्रिय उत्पाद हैं उन सब का विज्ञापन हिंदी में अवश्य तैयार किया जाता है ताकि वह अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके और इसकी वजह है कि हिंदी अभिव्यक्ति को आवाज़ देने वाली सबसे सशक्त भाषा में से एक है।
व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में भी हिंदी का योगदान बढ़ता जा रहा है। भारत में अधिकतर व्यापारिक संवाद हिंदी में होते हैं, और यह भाषा व्यापारिक क्षेत्रों में एक अहम भूमिका निभाती है। इसके अलावा, भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों और शैक्षिक संस्थाओं में हिंदी में पाठ्यक्रमों की पेशकश की जाती है। हिंदी को संयुक्त राज्य अमेरिका जापान चीन जर्मनी ब्रिटेन फ्रांस एवं रूस आदि देश के अनेक विश्वविद्यालयों में भी पढ़ाया जा रहा है, आज निर्विवाद रूप से हिंदी, देवनागरी लिपि एवं रोमन या हिंग्लिश लिपि के साथ एक प्रमुख भाषा के रूप में स्थापित हो रही है।
भले ही राजनीतिक कारणों से हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया जा सका है लेकिन भारत के संविधान में हिंदी को राजभाषा के रूप में दर्ज किया गया है। यह भाषा न केवल प्रशासनिक कामकाज के लिए आवश्यक है, बल्कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
सरकार के विभिन्न मंत्रालय, लोक सेवा आयोग, और न्यायिक संस्थान हिंदी में कार्य करते हैं, आज हिंदी को एक औपचारिक भाषा के दायरे से निकलकर भारत तथा राज्य सरकारों को इस व्यवहार की भाषा बनाना होगा तभी सरकार के कार्यों उपलब्धियां एवं उसकी सीमाओं को आम जन तक पहुंचा जा सकेगा।
आज हिंदी का प्रचार विभिन्न देशों में तेजी से हो रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और पाकिस्तान में हिंदी को स्कूलों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जा रहा है।
तकनीकी विकास के संदर्भ में कहे तो इंटरनेट और डिजिटल माध्यमों के माध्यम से हिंदी की लोकप्रियता बढ़ी है। सोशल मीडिया, फिल्म इंडस्ट्री, और ई-बुक्स के जरिए हिंदी का प्रभाव अधिक से अधिक देशों में बढ़ा है। सांस्कृतिक आदान-प्रदान: हिंदी फिल्में, संगीत, और साहित्य भारतीय संस्कृति का प्रमुख हिस्सा बनकर अन्य देशों में भी पहुंच रहे हैं। इस आदान-प्रदान से हिंदी को एक वैश्विक भाषा के रूप में और पहचान मिल रही है।
विश्व हिंदी दिवस न केवल हिंदी भाषा के महत्व को बढ़ाने के लिए एक अच्छा अवसर है, अपितु हमें यह भी याद दिलाता है कि भारतीय भाषाओं का वैश्विक समुदाय में भी महत्वपूर्ण स्थान है। वैश्विक स्तर पर भी आशा है कि हिंदी के प्रचार, प्रसार में और तेजी आएगी और यह दुनिया भर में एक सशक्त और सम्मानित भाषा बनेगी।