नयी दिल्ली, केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए संघीय और राज्य की एजेंसियों को विधायी आवश्यकताओं और संसाधन मुहैया कराने के संदर्भ में पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने यहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आयोजित दो-दिवसीय आतंकवाद-रोधी सम्मेलन के समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए यह आश्वासन दिया।
सम्मेलन में देश में आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने के लिए सभी केंद्रीय और राज्य खुफिया, सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा “एकजुट और समन्वित” प्रयासों को तेज करने का संकल्प लिया गया, जिसमें आतंक के पूरे तंत्र को खत्म करने तथा आतंकी फंडिंग को रोकने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
भल्ला ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए विधायी आवश्यकताओं, वित्तीय प्रबंधन या संसाधन तैनाती के मामले में केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को गृह मंत्रालय से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
गृहमंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को तीसरे आतंकवाद-रोधी सम्मेलन का उद्घाटन किया और उनके प्रमुख निर्देशों में एक सामान्य प्रशिक्षण मॉड्यूल का डिजाइन, अपराधों की जांच, मुकदमा चलाने और रोकने के लिए विभिन्न राष्ट्रीय डेटाबेस का बहुआयामी उपयोग, आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए नये उपाय, अच्छाई साझा करना शामिल था।
शाह ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि सभी आतंकवाद-निरोधक एजेंसियों को ऐसा “क्रूर दृष्टिकोण” अपनाना चाहिए ताकि कोई नया आतंकवादी संगठन न बन सके।