विशेषज्ञों के अनुसार हड्डियों के रोग ओस्टिओपोरोसिस को प्रभावित करने वाले कारकों में कैल्शियम की मात्रा, हार्मोन असंतुलन व शारीरिक श्रम मुख्य हैं। महिलाओं में यह रोग पुरूषों की अपेक्षा अधिक देखने को मिलता है। विशेषज्ञों के अनुसार हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक है कि सोया प्रोटीन को अधिक मात्रा में अपनी डाइट में शामिल करें।
एक नवीनतम् शोध के अनुसार जो महिलाएं अधिक मात्रा में सोया प्रोटीन का सेवन करती हैं, उनकी हडिड्यों में अधिक मजबूती होती है उन महिलाओं की तुलना में जो सोया प्रोटीन का सेवन नहीं करती। यही नहीं, सोया प्रोटीन के सेवन के फलस्वरूप जोड़ों के दर्द और पीठ दर्द की संभावना भी कम पाई गई। सोया फोटोएस्ट्रोजन का अच्छा स्रोत है और हड्डियों की घनत्व क्षमता पर अच्छा प्रभाव डालता है।
पेट के कैंसर का कारण भी नमक
नमक का सीमित मात्रा से अधिक सेवन इतना हानिकारक हो सकता है कि आपको पेट का कैंसर तक हो सकता है। अभी हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार नमकीन भोज्य पदार्थों का सेवन पेट के कैंसर की संभावना को दुगुना करता है।
इस शोध में विशेषज्ञों ने 11 वर्ष तक 40,000 व्यक्तियों की खाने-पीने की आदतों का अध्ययन किया और पाया कि जिन व्यक्तियों ने प्रतिदिन 12 ग्राम से 15 ग्रा. नमक की मात्रा का सेवन किया उन्हें पेट का कैंसर होने की संभावना अधिक पाई गई। पेट के कैंसर से एक वर्ष में अनुमानतः 7,76,000 व्यक्ति मौत का शिकार हो जाते हैं। द नेशनल कैंसर रिसर्च इंस्टीटयूट, कशिवा द्वारा एक सर्वे के अनुसार जापान के चार जिलों में 18,684 पुरूषों में 358 पेट के कैंसर के शिकार पाए गए और 2,381 महिलाओं में 128 महिलाएं इससे पीड़ित पाई गई।
नमक का अधिक सेवन उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और पक्षाघात का कारण भी है इसलिए इसका सीमित मात्रा से अधिक मात्रा में सेवन करना रोगों को स्वयं बुलावा देने जैसा है। उत्पादकों को भी चाहिए कि वे अपने उत्पादों में नमक की कम मात्रा का प्रयोग करें और लोगों को रोगों से सुरक्षा देने में सहायक सिद्ध हों।
समाज सेवा कीजिए, लंबी आयु पाइये
जो कार्य आपके मन में शांति का संचार करता है वह आपके स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाता है। यूनिवर्सिटी आफ मिशिगन के विशेषज्ञ मार्क म्यूसिक व उनके सहयोगियों ने अपनी एक रिसर्च के दौरान पाया कि जो व्यक्ति समाज सेवा में अपनी वृद्धावस्था बिताते हैं, वे लंबी आयु जीते हैं।
इस शोध में 65 वर्ष से अधिक आयु के 1211 व्यक्तियों की दिनचर्या का अध्ययन किया गया। इस रिसर्च में यह देखा गया कि ये व्यक्ति नियमित अपना कितना समय, समाज सेवा जैसे किसी चेरिटी संस्था से जुड़ाव या अन्य संस्था जिसमें उन्हें समाज सेवा करने का मौका मिलता हो, देते हैं। इस रिसर्च में विशेषज्ञों ने पाया कि जो व्यक्ति इन सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए थे, वे लंबी आयु जिए।
डेंटल सर्जरी आपके रक्तचाप को भी बढ़ा सकती है
अमेरिकन जर्नल ऑफ हाइपरटेंशन में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार ‘डेंटल सर्जरी‘ के कारण हृदय गति बढ़ने और रक्तचाप बढ़ने के आसार सामने आ सकते हैं। जापान में क्यूशू डेंटल कॉलेज के विशेषज्ञों ने 40 ऐसे रोगियों का अध्ययन किया जिन्होंने अपना दांत निकलवाया और पाया कि उनकी हृदय गति तो बढ़ी ही, साथ ही रक्तचाप में भी बढ़ोत्तरी आई इसलिए विशेषज्ञों के अनुसार अगर आपको हृदय से संबंधित कोई रोग है तो डेंटिस्ट से सर्जरी से पूर्व अपना रक्तचाप जरूर चेक करवाएं।
अभिभावकों से पूर्व ही मृत्यु का ग्रास बनेंगे बच्चे
इंग्लैंड में द नेशनल सेंटर फॉर सोशल रिसर्च द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार इंग्लैंड में हर पांच व्यक्तियों में से एक व्यक्ति मोटापे का शिकार है। यही नहीं, बच्चे भी इसी संख्या में पीछे नहीं हैं। एक तिहाई बच्चे मोटापे का शिकार हैं। अगर इस तरह मोटापे से पीड़ित व्यक्तियों की दर बढ़ती गई तो वह दिन दूर नहीं जब कुल जनसंख्या ही इसका शिकार होगी। विशेषज्ञों के अनुसार अगर बच्चे भी इसी दर से मोटापे का शिकार होते रहे तो अपने अभिभावकों से भी पूर्व वह मृत्यु के मुंह में चले जाएंगे, इसलिए बहुत आवश्यक है इस जानलेवा रोग से बचाव।
दांतों पर ज्यादा बोझ मत डालें
दांतों को साफ करने के लिए कई व्यक्ति यह मानते हैं कि अगर ब्रश को सख्ती से दांतों पर लंबे समय तक ब्रश किया जाए तो दांत अच्छी तरह से साफ होते है पर ऐसा नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार इससे दांतों को नुक्सान पहुंच सकता है। एक शोध के अनुसार दांतों व मसूड़ों के स्वास्थ्य के लिए 2 मिनट तक ब्रश करना चाहिए व दांतों पर 150 ग्राम से अधिक दबाव नहीं पड़ना चाहिए। इससे अधिक दबाव दांतों को नुक्सान पहुंचा सकता है और दांतों संबंधी कई रोगों की संभावना को बढ़ा सकता है।