नेहरू ने आकाशवाणी के अपने संबोधन में खुद को जनता का ‘प्रधान सेवक’ बताया था: रमेश

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नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर शुक्रवार को कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत को आजादी मिलने की पूर्व संध्या पर आकाशवाणी के माध्यम से संबोधन दिया था जिसकी शुरूआत उन्होंने खुद को ‘‘भारत के लोगों का प्रधान सेवक’’ बताकर की थी।

उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि नेहरू ने वास्तव में 16 अगस्त, 1947 को पहली बार लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया था क्योंकि उस साल 15 अगस्त को विभिन्न कार्यकम आयोजित हुए थे।

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘14 अगस्त, 1947 की आधी रात को संविधान सभा की बैठक हुई और इसके तुरंत बाद जवाहरलाल नेहरू ने अपना प्रतिष्ठित और यादगार ‘किस्मत से बाजी लगाने’ वाला भाषण दिया था। 15 अगस्त, 1947 की सुबह सभी अखबारों ने भारत के लोगों के साथ-साथ प्रवासी भारतीयों के लिए एक संदेश दिया।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, बाद में नेहरू ने आकाशवाणी के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया, जिसकी शुरुआत उन्होंने खुद को भारतीय लोगों का ‘‘प्रधान सेवक’’ बताते हुए की।

उन्होंने कहा, ‘‘16 अगस्त, 1947 को नेहरू ने वास्तव में पहली बार लाल किले से भाषण दिया था, जहां उन्होंने न केवल महात्मा गांधी, बल्कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का भी जिक्र किया था।’’

रमेश के अनुसार, बाद के वर्षों में प्रधानमंत्रियों द्वारा 15 अगस्त को राष्ट्र को लाल किले से संबोधित करने की परंपरा शुरू हुई।

कांग्रेस महासचिव ने उस समय अखबारों में छपे नेहरू के संदेश, आकाशवाणी पर उनके प्रसारण और लाल किले की प्राचीर से संबोधन का स्क्रीनशॉट भी साझा किया।