हमारे खान-पान से हमारा स्वास्थ्य प्रभावित होता है। गलत खान-पान के कारण पिछले कुछ समय में हृदय रोगों, मधुमेह, कैंसर आदि रोगों से पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़ी है। इस कारण आज हर व्यक्ति अपने आहार के प्रति सचेत है।
हम अपने आहार में क्या शामिल करें, क्या नहीं, इसके बारे में लोगों में जिज्ञासा भी बढ़ी है। विभिन्न शोधों के फलस्वरूप यह सामने आया है कि सोयाबीन व अन्य सोया खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल कर हम बहुत से स्वास्थ्य लाभ पा सकते हैं।
सोयाबीन शाकाहारी खाद्य पदार्थों में सबसे अधिक प्रोटीन युक्त पदार्थ है। प्रोटीन हमारे शरीर की प्राथमिक आवश्यकता है। यह शरीर में विभिन्न क्रियाएं सम्पन्न करता है। सोयाबीन कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन आयरन व खनिज लवणों का भी अच्छा स्रोत है।
विभिन्न शोधों से यह प्रमाणित हुआ है कि सोया हृदय रोगों की संभावना को दूर करता है। जिन देशों में सोया का नियमित सेवन किया जाता है, वहां हृदय रोगियों की संख्या न के बराबर पाई गई।
यही नहीं, कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने में भी इसका सेवन लाभप्रद है। एक शोध के अनुसार प्रतिदिन दो गिलास सोया दूध का सेवन बुरे कोलेस्ट्रोल के स्तर में 25 प्रतिशत कमी लाता है। सोया खाद्य पदार्थ कोलेस्ट्रोल रहित होते हैं। सोया प्रोटीन में वह सभी आवश्यक अमीनो एसिड भी होते हैं जिनकी हमारे शरीर को आवश्यकता होती है। यह नैचुरल एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत हैं।
सोयाबीन में अच्छे किस्म के प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स में भी प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है पर वे कोलेस्ट्रोल और संतृप्त वसा से भरे हैं और कोलेस्ट्रोल और संतृप्त वसा का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद नहीं। सोया की खासियत यही है कि इसमें कोलेस्ट्रोल और संतृप्त वसा शून्य होती है इसलिए यह कोई असंतुलन नहीं पैदा करता।
इसके अतिरिक्त सोया में फाइटोकेमिकल कम्पाउंड आइसोफ्लेवोनायड्स की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है। सोया आइसोफ्लेवोनायड्स स्तन कैंसर व प्रोस्टेट कैंसर की संभावना को कम करते हैं क्योंकि यह हार्मोन एस्ट्रोजन के स्तर को कम करता है। इस एस्ट्रोजन हार्मोन का अधिक स्तर महिलाओं में स्तन कैंसर का कारण बनता है। एक शोध के अनुसार सोया का सेवन स्तन कैंसर की संभावना को 50 प्रतिशत कम करता है।
महिलाओं में रजोनिवृत्ति के समय बहुत से असामान्य लक्षण जैसे पसीना अधिक आना आदि में भी सोया के सेवन से लाभ पहुंचता है। चीन व जापान में जहां सोया का अधिक सेवन किया जाता है वहां की महिलाओं को रजोनिवृत्ति के दौरान ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है।
हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी सोया का सेवन लाभप्रद है। सोया प्रोटीन रक्त में शर्करा के स्तर को भी नियंत्रित रखता है इसलिए मधुमेह से भी सुरक्षा देता है।
सोयाबीन के विभिन्न उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं। बेकरी पदार्थों में सोयाबीन के आटे का प्रयोग किया जाता है। सोयाबीन दूध, सोयाबीन का तेल, न्यूट्री नगेट, सोया नट्स आदि कई उत्पाद हैं जिसका सेवन पौष्टिकता देता है। विशेषज्ञों के अनुसार प्रतिदिन 25 ग्राम सोया प्रोटीन की मात्रा का सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।