शाह ने बाढ़ प्रभावित सिक्किम को 44.8 करोड़ रुपए दिए जाने को मंजूरी दी

नयी दिल्ली,  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिक्किम में बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के केंद्रीय हिस्से से राज्य को 44.8 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जारी किए जाने को मंजूरी दे दी है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि शाह के निर्देश के बाद गृह मंत्रालय ने एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) का गठन किया, जो हिमनद झील के फटने से बाढ़ आने(जीएलओएफ) और बादल फटने के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए जल्द ही सिक्किम के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी।

बयान में कहा गया है कि गृह मंत्री ने प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने में पूर्वोत्तर राज्य की मदद करने के उद्देश्य से 2023-24 के लिए उसे एसडीआरएफ के केंद्रीय हिस्से की दोनों किस्तें, यानी 44.8 करोड़ रुपये अग्रिम रूप से जारी करने की मंजूरी दे दी है।

बयान में कहा गया है कि केंद्र ने सिक्किम सरकार को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सिक्किम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

इसमें बताया गया कि आईएमसीटी के आकलन के आधार पर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सिक्किम के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से अतिरिक्त केंद्रीय सहायता स्वीकृत की जाएगी।

जीएलओएफ, बादल फटने और अचानक बाढ़ आने से तीस्ता नदी के जल प्रवाह में चार अक्टूबर को अचानक वृद्धि हो गई जिसके कारण कई पुल, राष्ट्रीय राजमार्ग -10 के कुछ हिस्से और चुंगथांग बांध बह गए। इसके कारण सिक्किम में कई छोटे कस्बे और नदी घाटी के ऊपरी इलाकों में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं प्रभावित हुईं।

बयान में कहा गया कि केंद्र सिक्किम की स्थिति पर उच्चतम स्तर पर चौबीसों घंटे कड़ी निगरानी रख रहा है।

इसमें कहा गया कि केंद्र स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के प्रयासों में मदद करने के लिए समय पर संसाधन मुहैया कराकर सिक्किम सरकार की पूरी सहायता कर रहा है। इसके लिए खोज और बचाव अभियानों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और सैन्यकर्मियों के पर्याप्त दलों को तैनात किया गया है और भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर मुहैया कराए गए हैं।

बयान में कहा गया है कि इसके अलावा, राज्य में क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे और संचार नेटवर्क को समय पर दुरुस्त करने में बिजली, दूरसंचार और सड़क, राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालयों के तकनीकी दल मदद कर रहे हैं।