प्रोटीन के इन दो स्रोतों में आप कौन सा चुनेंगे? पहले वर्ग में शामिल हैं-दालें, आलू, पालक और अन्य सब्जियां जबकि दूसरे में सम्मिलित हैं मांस, दही आदि। यदि आपके जवाब में दाल वाला वर्ग आ रहा है तो आप सही हैं। आश्चर्य की कोई बात नहीं है। वास्तविकता यह है कि पशुओं से प्राप्त होने वाले भोज्य पदार्थों में प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होने के कारण उनका अत्यधिक सेवन आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। हमारे शरीर की कोशिकाओं के निर्माण, पोषण और मरम्मत कार्य के लिए प्रोटीन एक जरूरी पोषक तत्व है लेकिन यह जानना आवश्यक है कि उसका स्रोत क्या है। दरअसल दूध, दही, मांस आदि में प्रोटीन की मात्रा अत्यधिक होते हुए भी इनमें मौजूद अस्वास्थ्यकारी (वसा) सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रोल कैंसर, हृदय रोग और ऑस्टियोपोरोसिस समेत अनेक स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों को जन्म दे सकते हैं, वहीं अनाज, फल, दालों और सब्जियों में प्रोटीन की प्रचुर मात्रा होने के अलावा ये हमें दुःसाध्य रोगों से बचाने का काम भी करती हैं। पशु आहारों से प्राप्त प्रोटीन हमारी हड्डियों से कैल्शियम को घोलकर गला देता है जो मूत्रा के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस का रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। सामान्य धारणा के विपरीत दूध, दही और अन्य डेरी उत्पादों का अत्यधिक मात्रा में सेवन भी इस रोग को जन्म दे सकता है। पशुओं से प्राप्त होने वाले भोज्य पदार्थ कैंसर जैसे रोग को बढ़ावा देने का कार्य भी कर सकते हैं। मांस, मछली और मुर्गे में मौजूद कुछ प्रोटीन अधिक तापमान पर पकाए जाने पर कोलन और छाती समेत विभिन्न प्रकार के कैंसर को जन्म दे सकते हैं।