मनमोहन सिंह अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी के सबसे महान समर्थकों में से एक थे: ब्लिंकन

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सैन फ्रांसिस्को, 27 दिसंबर (भाषा) अमेरिका ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है और विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने उन्हें दोनों देशों की द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी के सबसे बड़े समर्थकों में से एक बताया।

भारत में आर्थिक सुधारों के पुरोधा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार रात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने कहा, “डॉ. सिंह अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी के सबसे महान समर्थकों में से एक थे और उनके काम ने पिछले दो दशकों में दोनों देशों द्वारा मिलकर हासिल की गई अधिकतर उपलब्धियों की नींव रखी।”

सिंह के निधन पर भारत के लोगों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को आगे बढ़ाने में पूर्व प्रधानमंत्री का नेतृत्व अमेरिका-भारत संबंधों की क्षमता में एक बड़े निवेश का प्रतीक है।

ब्लिंकन ने कहा, ” डॉ. सिंह को उनके आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाएगा, जिन्होंने भारत के तेज आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया। हम डॉ. सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं और अमेरिका तथा भारत को एक साथ लाने के लिए उनके समर्पित योगदान को हमेशा याद रखेंगे।”

सिंह के निधन पर दुख जताते हुए भारतीय अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को हमेशा उनके अग्रणी आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाएगा, जिससे भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिला।

खन्ना ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “मुझे अमेरिका-भारत परमाणु समझौते के लिए बुश प्रशासन के साथ काम करने पर गर्व है और मेरे कार्यालय में प्रधानमंत्री सिंह ने मेरे काम के लिए मुझे धन्यवाद पत्र भेजा था। मैं हमेशा उनके प्रति सम्मान रखूंगा।”

पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार और भारत के लोगों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए, ‘यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल’ के अध्यक्ष अतुल केशप ने कहा कि सिंह ने अमेरिका-भारत संबंधों को आगे बढ़ाने और आधुनिक बनाने तथा दोनों लोकतंत्रों को रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी अभिसरण के स्थिर पथ पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

‘यूएस इंडिया स्ट्रैटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम’ (यूएसआईएसपीएफ) के बोर्ड ने कहा कि सिंह का दृष्टिकोण, शिक्षाएं और नेतृत्व भावी पीढ़ियों के लिए सबक होंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री एक विद्वान, राजनेता और सम्मानित नेता थे तथा उन्होंने अपना जीवन राष्ट्र की सेवा और एक अरब से अधिक भारतीयों के जीवन को समृद्ध बनाने के लिए समर्पित कर दिया।

कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने कहा कि उन्हें अपने पूर्व सहयोगी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। उन्होंने कहा, “वह असाधारण बुद्धिमत्ता, ईमानदारी और ज्ञान के धनी व्यक्ति थे। लॉरेन और मैं उनके परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं।”

थिंक-टैंक ‘ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूट’ की तन्वी मदान ने कहा, “अगर भारत और अमेरिका ने इतिहास की कुछ झिझक दूर की हैं, तो डॉ. मनमोहन सिंह को इसका काफी हद तक श्रेय दिया जाना चाहिए। आज, लोग गहरे समुद्र से लेकर अंतरिक्ष तक सहयोग की बात करते हैं; यह उन जोखिमों के बिना संभव नहीं होता, जिन्हें वह उठाने को तैयार थे।”

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के उपाध्यक्ष जॉर्ज अब्राहम ने कहा कि सिंह को भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए याद किया जाएगा।

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