शिमला में इस मौसम में दूसरी बार हल्की बर्फबारी, पर्यटन क्षेत्र के लोग और किसान खुश

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Shimla-snowfall

शिमला, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला सोमवार को एक बार फिर से बर्फ की चादर से ढक गई। बर्फबारी की खबर से जहां पर्यटक खासे उत्साहित हैं वहीं पर्यटन उद्योग से जुड़े स्थानीय लोगों और किसानों के चेहरों पर भी खुशी की अलग ही चमक देखी जा सकती है।

क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बर्फबारी से स्थानीय लोगों को पर्यटकों के बड़ी संख्या में यहां आने और किसानों को सेब की बढ़िया फसल होने की उम्मीद बंधी है।

ठंडी हवाएं चलने के बीच लोग बर्फबारी का आनंद लेने के लिए घरों से बाहर निकल आए। शहर के रिज और मॉल रोड पर पर्यटकों को बर्फबारी का आनंद लेते देखा गया।

मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि आसपास के पर्यटक स्थल कुफरी और नारकंडा के अलावा खड़ापत्थर, चूड़धार और चांशल जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में भी बर्फबारी हुई।

स्थानीय मौसम विभाग ने सोमवार, मंगलवार, शुक्रवार और शनिवार को मध्य और ऊंचे इलाकों में बारिश और बर्फबारी का अनुमान जताया था।

शिमला के ऊंचाई वाले क्षेत्र में बर्फबारी से किसानों को सेब की अच्छी पैदावार की उम्मीद है। बर्फबारी को सेब की पैदावार के लिए ‘‘सफेद खाद’’ माना जाता है। सेब की खेती हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में लगभग 5,000 करोड़ रुपये का योगदान देती है।

बर्फबारी से राज्य में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा। एक स्थानीय होटल व्यवसायी सुशांत नाग ने कहा कि बर्फबारी के कारण पर्यटकों की संख्या बढ़ने से होटल में बुकिंग भी बढ़ने की संभावना है।

शिमला के एक अन्य होटल व्यवसायी राहुल चावला ने बताया कि क्रिसमस से पहले बर्फबारी तथा आने वाले दिनों में और बर्फबारी के पूर्वानुमान से पर्यटकों के आगमन में 50 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।

‘शिमला होटल एवं टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष एम के सेठ ने पहले कहा था कि क्रिसमस के लिए काफी बुकिंग हो चुकी है और नए साल के लिए 30 प्रतिशत से अधिक अग्रिम बुकिंग हो चुकी है।

इस बीच, हिमाचल प्रदेश के निचले इलाकों में भीषण ठंड जारी है। ऊना, हमीरपुर, चंबा और मंडी में शीतलहर के हालात हैं, जबकि सुंदरनगर में कड़ाके की ठंड है।

मौसम विभाग ने बताया कि मंडी और सुंदरनगर इलाकों में हल्का कोहरा छाया रहा।

विभाग ने सोमवार को बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर और मंडी जिलों में बृहस्पतिवार तक जबरदस्त ठंड का ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है।

ताबो राज्य में सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां तापमान शून्य से नीचे 10.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि सुमदो, कुसुमसेरी और कल्पा में न्यूनतम तापमान क्रमश: शून्य से नीचे 5.3 डिग्री सेल्सियस, शून्य से नीचे 3.7 डिग्री सेल्सियस और शून्य से नीचे 2.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मौसम केंद्र के अनुसार मंगलवार से गुरुवार तक भाखड़ा बांध जलाशय क्षेत्र और मंडी में बल्ह घाटी के कुछ हिस्सों में घने कोहरे को लेकर ‘येलो’ अलर्ट चेतावनी जारी की गई है।

मौसम कार्यालय ने कहा कि शुक्रवार से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और आसपास के मैदानी इलाकों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव की संभावना है।

सोमवार तथा मंगलवार को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर और शुक्रवार तथा शनिवार को कई स्थानों पर हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है, जिससे तापमान में धीरे-धीरे गिरावट आएगी।

मौसम कार्यालय ने कहा कि ऊंचाई वाले आदिवासी इलाकों और पहाड़ी दर्रों में कड़ाके की ठंड जारी है, तापमान जमाव बिन्दु से नीचे 14 से 18 डिग्री है।

मध्य और ऊंचाई पहाड़ी इलाकों में कई जगहों पर पाइपलाइनों में पानी जम गया है। झरने, छोटी नदियां जैसे पानी के प्राकृतिक स्रोत जम गए हैं, जिससे पानी का बहाव कम हो गया है और जलविद्युत उत्पादन प्रभावित हुआ है।

एक अक्टूबर से 23 दिसंबर तक मानसून के बाद राज्य में सामान्य से 97 प्रतिशत कम बारिश हुई। राज्य में औसत 69.2 मिलीमीटर के मुकाबले 2.3 मिलीमीटर बारिश हुई।

 

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