विवाह एक ऐसा प्यारा बंधन है जो जीने का मजा दुगना कर देता है पर कभी कभी यह बंधन गले का फंदा भी बन जाता है जब दोनों में प्यार, विश्वास कम होने लगता है। प्यार एक अनुभूति है जिसे आप महसूस करते हैं पर इस अनुभूति को बनाए रखने के लिए कुछ विशेष करना पड़ता है ताकि चिरकाल तक इसका आनंद उठाया जा सके।
यह तो सबको पता है कि विवाह के पश्चात् दोनों एक दूसरे के लिए स्पेशल होते हैं। उस स्पेशेलिटी को बरकरार रखना दोनों के हाथ में होता है। यदि हम जीवन की सारी जिम्मेदारियों और जरूरतों को पूरा करते रहें तो शायद प्यार उदासीन नहीं होगा। इसके लिए अमल करें कुछ टिप्सः-
कभी कभी अपनी प्रिया या प्रियतम को उसका पसंदीदा चाकलेट देकर देखें कि चेहरा कितना खिल उठता है।
पत्नी-पति प्रायः एक दूसरे के लिए संवरते हैं। यदि वे संवरने के लिए थोड़ा समय लें तो टोकिए मत। पूरी तरह संवरने दें और संवरने के बाद एक दूसरे को सुंदर लगने का अहसास करायें।
कभी कभी जल्दी में जब आफिस जा रहे हैं और आपने उनसे प्यार भरी विदा नहीं ली तो कोई बात नहीं। शाम को घर आकर उस गलती को सुधारने का प्रयास करें। वो स्वागत करेगी।
स्पर्श थेरेपी रिश्तों की डोर को और मजबूत बनाती है, ऐसा विशेषज्ञों कहना है। तो क्यों न लाभ उठायें। अवसर मिलते ही बिना कुछ कहे मजबूती से हाथ थामें। स्पर्श ही सब कुछ कह देगा।
पत्नी को बिना वजह के कभी कभी फूलों का छोटा गुलदस्ता दें। चाहें तो आफिस से भी भिजवा सकते हैं। प्यार का इजहार करने का बहुत अच्छा तरीका है।
जब कभी संबंधी पास हों या मित्रा मंडली तो अपने उनकी तारीफ करें ताकि उनको प्रोत्साहन मिले।
अपने पार्टनर के प्रति वफादार रहें। विश्वासघात के बारे में सोचें भी नहीं, न ही उनसे कुछ छिपाएं। सभी महत्वपूर्ण विषयों पर उनसे बात करें।
पार्टनर को हमेशा स्पेशल समझें। बिना कुछ खर्च किए आप उनके लिए बेशकीमती हो सकते हैं।
पार्टनर का जन्म दिन, शादी की सालगिरह, फर्स्टटाइम डेट पर जब गए थे, की वर्षगांठ पर उन्हें विश करना न भूलें। उन्हें अहसास दिलाएं कि यह विशेष दिन उनके लिए भी विशेष है।
पति यदि अच्छे श्रोता हों तो वे पत्नी का दिल जीत सकते हैं क्योंकि पत्नियां स्वभाव से ज्यादा बोलती हैं।
आप जब पत्नी को फिक्स्ड अमांउट देते हैं तो बार-बार हिसाब न मांगें। क्या खर्चे उसे करने हैं, उसे पहले ही स्पष्ट कर दें। कभी कभी 4-6 माह बाद थोड़ा सा बजट बढ़ा सकते हैं तो बढ़ा दें। वो खुश रहेगी। बार-बार उसके खर्चों में दखलअंदाजी न करें। बहुत ज्यादा दखलअंदाजी वैवाहिक जीवन को खराब करती है।
पार्टनर की खुशी और सुविधा का पूरा ध्यान रखें। कहीं भी कुछ गलती हो तो स्वीकार करने में झिझकें नहीं। काफी समस्याएं सुलझ जाएगी।
परिवार की जरूरतों पर पूरा ध्यान दें। जिम्मेदारियों को बांट कर चले ताकि कोई अकेला न जूझता रहे। पत्नी को अहसास करायें कि वो आपके लिए और परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उसके बिना आपका जीवन अधूरा है।
पार्टनर की अच्छों बातों का सम्मान करें। इससे ऊर्जा व उत्साह मिलता है। पार्टनर के धर्म कर्म को साथ साथ निभाएं। इससे आपसी प्यार और विश्वास बढ़ता है।
स्त्रियां साधारणः अधिक संवेदनशील होती हैं। उन्हें कुछ भी कहने से पहले ध्यान दें। कभी कभी पत्नी उदास है और रो रही है तो उसे कंधे का सहारा दें और उसे रोने दें ताकि मन हल्का हो जाए।
कुछ आदतें ऐसी होती हैं जो पार्टनर को बुरी लगती हैं। उन्हें दूर करने का प्रयास करें। अपनी सेक्सी इमेज न बनाएं। प्यार बनाए रखने के लिए धैर्य की आवश्यकता होती है।
पार्टनर से कभी कुछ ऐसा हो जाता है जो आपकी निगाह में गलत है तो माफ कर दें नहीं तो रिश्तों में कड़वाहट आ जाएगी। कड़वाहट रिश्तों को बिगाड़ती है।
पार्टनर हमेशा प्रभावशाली व्यक्ति के व्यक्तित्व का दीवाना होता है, इसलिए अपनी पर्सनल सफाई और कपड़ों का विशेष ध्यान रखें।
सेक्सुअली आपका पार्टनर किस बात पर खुश होता है, इस बात को समझें और उसे संतुष्ट करें।
बीमार होने पर पार्टनर का पूरा ध्यान रखें। डाक्टर के पास जाएं, आराम दें, काम में मदद करें। दवा समय पर देते रहें।
पार्टनर की तुलना हमेशा नकारात्मक प्रभाव डालती है इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि तुलना न करें।
स्त्रियों को शापिंग करना, घूमना, बाहर खाना व पिक्चर देखना अच्छा लगता है। उनकी पसंद का ख्याल रखें और उन्हें कोआपरेट करें।
कभी कभी रसोई का मोर्चा संभालें। कुछ भी उसका पसंदीदा बनायें, नहीं तो कोई भी डिश बना कर उसे खिलाएं।
पार्टनर्स में दोस्ती हो तो ज्यादा बेहतर संबंध रहते हैं और दिल की बात आराम से कर सकते हैं। अच्छे दोस्त बनें।
बीती बातों को न दोहराएं। इनसे कुछ नहीं मिलता और संबंध कटु होते हैं।
पार्टनर के पेरेंटस व संबंधियों का पूरा ध्यान रखें ताकि संबंध मधुर रहें।
जिन बातों से पत्नी चिढ़ती हो जैसे रसोई में काम करते समय सामान फैलाना, बिस्तर पर गीला तौलिया छोड़ना, कपड़े बाथरूम में जमीन पर छोड़ना, समय पर पहुंचना आदि, इन बातों पर विशेष ध्यान देकर उसे प्रसन्न रखें। तभी परिवार में खुशी बनी रहेगी।