ऐसे करें भोज्य पदार्थों में मिलावट की पहचान

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हमें अपने बेशकीमती शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए नित्य कई प्रकार के भोज्य पदार्थों का सेवन करना पड़ता है जिससे प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन एवं खनिज लवण जैसे अनगिनत पोषक तत्व प्राप्त होते हैं किंतु अधिकांश दुकानदार अधिकाधिक पैसा कमाने की लालसा में इन सभी खाद्य पदार्थों में मिलावट करने से जरा भी गुरेज नहीं करते हैं। परिणामस्वरूप, व्यक्ति का स्वास्थ धीरे-धीरे गिरने लगता है और वह न चाहते हुए भी डॉक्टरों की शरण में जा पहुंचता है।
इतना ही नहीं , आज की तारीख में सब खाद्य पदार्थों विशेषतः गेहूं, चावल, दालों, दूध मसालों, चाय की पत्ती, तेल, घी, और नमक इत्यादि में मिलावट का पाया जाना एक आम बात हो गई है जिसकी वजह से व्यक्ति को अपना शरीर स्वस्थ बनाए रखना बड़ी टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
क्या हैं मिलावट युक्त भोज्य पदार्थ
जब किसी भोज्य पदार्थ में किसी बाहरी वस्तु का मिश्रण कर उसमें से जरूरी तत्वों को निकाल लिया जाता है या अनुचित तरीकों से संग्रहित किया जाता है और इससे उसकी शुद्धता में कमी आ जाती है तो उस खाद्य सामग्री अथवा भोज्य पदार्थ को मिलावट युक्त पदार्थ कहा जाता है।
इस तरह की मिलावट से उपभोक्तागणों को खाद्य पदार्थों में से मिलने वाले जरूरी पोषक तत्वों से वंचित होना पड़ता है और इसी अधिक मिलावटी आहार को लेने से अनेक बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। इसलिए उपभोक्ताओं को सदैव समान खरीदते समय उसके गुणों रंगों के अलावा शुद्धता को जाँचने की जानकारी अवश्य होनी चाहिए। अंततः भोज्य पदार्थों में मिलावट लाभ कमाने हेतु की जाती है।
कैसे करें मिलावट की पहचान?
वैसे तो मिलावटी पदार्थों की पहचान करना काफी मुश्किल है परन्तु यदि आप कुछ घरेलू तरीकों से जांच करते हैं तो अवश्य ही इसकी वास्तविक शुद्धता की परख कर सकते हैं। उपभोक्ताओं को इस बात की जानकारी जरूर होनी चाहिए कि खाद्य पदार्थों में किस-किस प्रकार की मिलावट की जाती है और इसे किस तरह जांचा जा सकता है। आइए जानें :-
नमक :- नमक सभी मसालों में बेहद सस्ता होता है लेकिन मिलावट करने वाले दुकानदार इसमें भी मिश्रण करने से बाज नहीं आते है। परिणामस्वरूप, उसमें भी पत्थर पीस कर या फिर मिट्टी अथवा रेत को मिश्रित कर देते हैं। आप नमक की कुछ मात्रा को लेकर साफ कांच के गिलास में घोल लें तथा कुछ देर स्थिर रखने के उपरांत देखें। नमक घुल जाएगा, पत्थर और रेत अथवा मिट्टी गिलास की तली में बैठ जाएंगी। इस प्रकार समझ लें कि नमक में मिलावट है। इससे गले संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।
दालें :- प्रायः दालों का रंग-रूप संवारने हेतु उनमें हानिकारक दालें मिलाई जाता हैं या दालों को मेनेटिल एलो से रंगा जाता है। इसकी परख करने के लिए कुछ दाल को पानी में डाल कर ’हाइड्रोक्लोरिक एसिड‘ की चार बूंदें डालें। यदि दाल में कोई मिलावट की गई होगी तो स्वतः पानी का रंग लाल हो जाएगा। तभी सावधान हो जाएं अन्यथा शरीर के पाचन तंत्रा को प्रभावित होने तथा गुर्दे में पथरी की समस्या पैदा होने से कोई नहीं रोक सकता।
दूध :- दूध की सच्चाई जानने के लिए आपको लैक्टोमीटर की आवश्यकता पड़ेगी। तभी इसकी वास्तविक जांच हो सकती है। इसके अलावा आप दूध की शुद्धता को नाइट्रिक एसिड के जरिये भी नाप सकते हैं। इसके लिए दूध में दो बूंद नाइट्रिक एसिड की मिलायें। आप देखेंगे कि दूध और पानी दोनों अलग-अलग हो गये हैं। इससे भी व्यक्ति का स्वास्थ्य काफी हद तक प्रभावित होता है।
हल्दी :- बेसन और हल्दी में अक्सर रंग मिलाया जाता है जिसके लिए एक चम्मच हल्दी को एक परखनली में डालने के बाद उसमें सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की कुछेक बूंदें डालें। यदि बैंगनी रंग दिखता है और मिश्रण में जल डालने पर यह रंग ओझल हो जाता है तो हल्दी शुद्ध है नहीं तो मिलावटी है जो कि प्रजनन तंत्रा को नुकसान पहुंचा सकता है और यकृत एवं गुर्दे को भी क्षतिग्रस्त कर देगा।
चाय की पत्ती :- चाय की पत्ती में मिश्रण का पता लगाने हेतु किसी सफेद गीले कागज पर सर्वप्रथम उसे डालें। यदि कोई रंग मिलाया गया होगा तो तुरंत कागज पर उतर आएगा जोकि भविष्य में आपको आहार तंत्रा रूपी अनेक बीमारियों से परिचित करा सकता है।
हींग :- सुगन्धित हींग को लौ पर जलाने से लौ चमकीली हो जाती है। और तो और, हींग को स्वच्छ जल में धोने पर यदि हींग का रंग बदलकर सफेद या दूधिया हो जाये तो फौरन समझ लें कि हींग पूर्णतया शुद्ध है।
सरसों का तेल :- सरसों के तेल में भी सोयाबीन, रेपसीड तथा आर्जिमोन तेल का उपयोग किया जाता है। मिलावट की सटीक जांच हेतु टेस्ट ट्यूब में सलफ्युरिक एसिड एवं तेल का मिश्रण कर हिलाएं। यदि तेल मिलावटी होगा तो नीचे पीला रंग दिखलाई देने लगेगा, जोकि आगे चलकर अनियंत्रित ज्वर से जूझने पर मजबूर कर देगा।
काली मिर्च :- अंत में हम बात करते हैं काली मिर्च की। वैसे तो काली मिर्च में पपीते के बीज ही मिलाए जाते हैं जिसकी पहचान देखने मात्रा से ही हो जाती है परन्तु यदि फिर भी शुद्धता में संदेह रह जाता है तो काली मिर्च को पानी में डाल दें। अगर पपीते के बीजों का मिश्रण है तो वह पानी में तैरने लगेगा और शुद्ध काली मिर्च डूब जाएगी। इस तरह आप इसमें हुए मिलावट की पहचान को आसानीपूर्वक देखने में सफल हो जायेंगे।
तो फिर देर किस बात की। आज से ही विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों की वास्तविक शुद्धता की जांच करते हुए अपने अनमोल शरीर को स्वस्थ बनाने में जुट जाएं। यकीनन, कुछ समय पश्चात ही सफलता अवश्य आपके कदम चूमती हुई दिखलाई देगी।

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