सर्दियों में सेहत का ख्याल

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फ्लोराइडयुक्त पानी प्रभावित करता है सोचने की शक्ति को
विशेषज्ञों का मानना है कि फ्लोराइडयुक्त पानी बहुत ही हानिकारक है क्योंकि फ्लोराइडयुक्त पानी में ऐसे रसायन पाए गए हैं जिनके सेवन से व्यक्ति के सोचने की क्षमता प्रभावित होती है। हाल ही में डार्टमाऊथ कॉलेज के डॉ रोजर मास्टर्स व उनके सहयोगियों द्वारा किए गए एक शोध में उन्होंने अनुमानतः डेढ़ लाख बच्चों के रक्त स्तर की तुलना उनके पेयजल से की और पाया कि जिस पेयजल में सिलिकोफ्लोराइडस नामक रसायन मिला हुआ था, उस पेय जल को पीने वाले बच्चों के रक्त में सीसे का स्तर बहुत अधिक पाया गया।  सिलिकोफ्लोराइडस रसायन शरीर में सीसे की मात्रा को बढ़ाकर बुद्धि कौशल को क्षीण करता है।
यही नहीं, सीसे का अधिक स्तर हिंसक व्यवहार व मादक द्रव्यों के सेवन की प्रवृत्ति को बढ़ाता है इसलिए  फ्लोराइडयुक्त पानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
ऊंची एड़ी के सैंडिल हड्डियों की बीमारी भी दे सकते हैं
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार ऊंची एड़ी के जूते घुटने के पास स्थित मांसपेशियों पर अधिक दबाव डालते हैं। इन विशेषज्ञों के अनुसार लोगों में यह धारणा है कि प्लेटफार्म हील पैंसिल हील से अच्छी होती है व इससे कोई नुकसान नहीं पहुंचता पर ऐसा नहीं है बल्कि प्लेटफार्म हील से पेंसिल हील की तुलना में घुटने पर 30 प्रतिशत अधिक दबाव पड़ता है व इससे हड्डियों की बीमारी भी हो सकती है। आजकल ऊंची एड़ी के सैंडिल, जूतों का फैशन बढ़ता जा रहा है। सुन्दरता की दृष्टि से भले ये अच्छा प्रभाव डालते हों पर ये हड्डियों की बीमारियों के जन्मदाता भी बन सकते हैं। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि ऊंची एड़ी के सैंडिल पहनने से हमारी मांसपेशियों को भी बहुत मेहनत करनी पड़ती है इसलिए इनका प्रयोग कम से कम करना चाहिए।
अनिद्रा अल्सर की संभावना को बढ़ाती है
यह तो हम जानते ही हैं कि अनिद्रा बहुत-सी बीमारियों की जड़ है पर अभी हाल ही में इससे संबंधित एक अन्य बीमारी अल्सर की भी संभावना व्यक्त की गई है। ब्रिटिश विशेषज्ञों ने हाल ही में एक शोध में यह पाया कि जो व्यक्ति रात को देर तक काम करते हैं, उन्हें अल्सर होने की संभावना बढ़ जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि पेट और छोटी आंत में अधिकतर रात के समय  ऐसे रसायन पैदा होते हैं जो क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत करते हैं। अगर आप नींद नहीं लेते तो अणुओं की संख्या घट जाती है और अल्सर होने की संभावना बढ़ जाती है।
इंग्लैण्ड में यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूकैसल्स के विशेषज्ञों ने इस शोध में 12 स्वस्थ व्यक्तियों के शरीर में टी एफ एफ 2 नामक प्रोटीन, जो आंतों की मुरम्मत करता है, का स्तर जानने की कोशिश की। विशेषज्ञों ने इस शोध में यह देखा कि निद्रा इस प्रोटीन के स्तर को कैसे प्रभावित करती है। उन्होंने इस शोध में पाया कि इस प्रोटीन का स्तर सुबह और दोपहर में बहुत कम और रात को अधिक होता है। इस शोध के विशेषज्ञ डॉ फेलिस्टि का कहना है कि शायद बढ़ते अल्सर का यही कारण है।
हल्के व्यायाम करें और बीमारियों से बचें
नीदरलैंड की मास्ट्रिच यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ क्लास वेस्टरटर्प ने एक शोध के फलस्वरूप यह निष्कर्ष निकाला है कि हृदय रोग व मधुमेह से बचने के लिए व वजन कम करने के लिए हल्के व्यायाम अधिक फायदेमंद हैं। विशेषज्ञों के अनुसार हल्के व्यायाम से जो मैटाबोलिक प्रक्रिया होती है, वह वजन कम करने में सहायक होती है। हल्के व्यायामों के लिए जिम या हेल्थ क्लब जाने की भी जरूरत नहीं। पैदल चलना, सीढ़ियां चढ़ना व उतरना, साइकिल चलाना आदि हल्के व्यायाम स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम हैं इसलिए अगर आप थोड़ी दूर जाने के लिए भी कार या अन्य सवारी का प्रयोग करते हैं तो उन्हें छोड़ कर पैदल चलिए ताकि आप चुस्त दुरूस्त रहकर कई गंभीर रोगों से अपने आप को बचा सकें।
विवाह व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत जरूरी
हाल ही में किए गए एक नवीनतम शोध के अनुसार तलाकशुदा पुरूष या जीवनसाथी की मृत्यु हो जाने के बाद पुरूष न केवल अपने साथी को खो देता है बल्कि उसके साथ अपना स्वास्थ्य भी खो देता है। इस शोध में यह पाया गया कि ऐसी अवस्था में पुरूष वह सब अच्छी आदतें त्याग देता है जो बीमारियों से उसकी सुरक्षा करती हैं। इस दशा में वह अल्कोहल का अधिक सेवन, अधिक धूम्रपान व कम मात्रा में सब्जियों का सेवन करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस शोध के फलस्वरूप यह पता चलता है कि विवाह व्यक्ति के लिए कितना आवश्यक है। अल्कोहल व धूम्रपान के सेवन के साथ-साथ व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में आत्महत्या भी कर सकता है। यही नहीं, अल्जाइमर रोग होने की संभावना भी इस दशा में बढ़ जाती है।
तेज दिमाग आयु सीमा बढ़ाता है
द ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार तेज दिमाग का अर्थ है-व्यक्ति की लम्बी आयु। इस शोध में 2200 व्यक्तियों की दिमागी क्षमता का अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में 11 वर्ष की अवस्था के बच्चों का आई.क्यू. टेस्ट लिया गया और जिन्होंने इसमें अच्छा स्कोर पाया, उनके उम्र के बढ़ने पर उनकी आयु सीमा अधिक पायी गयी। यही नहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि अगर शिशु का वजन जन्म के समय कम पाया जाता है तो ऐसे शिशुओं को वयस्क होने पर उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और गुर्दे की बीमारी होने की संभावना अधिक पायी जाती है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि लम्बी आयु का संबंध जीवनशैली व जेनेटिक्स से भी संबंधित  है।
कोलेस्ट्रोल पर नियंत्राण पाइए भोजन और व्यायाम से
विशेषज्ञों के अनुसार शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को सामान्य बनाए रखने में हमारा भोजन बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके लिए सबसे जरूरी है-भोजन में चरबी बढ़ाने वाली चीजों को कम करना जैसे मक्खन, घी आदि का सेवन कम करें। इसके स्थान पर जैतून व सूरजमुखी तेल का प्रयोग करें। मछली और समुद्री भोजन कोलेस्ट्रोल को कम करता है। रेशेदार और स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
फलों और सब्जियों का अधिक सेवन करें। आलू, अनाज, दालें आदि अधिक खाएं। एंटी आक्सीडेन्ट खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करें जैसे विटामिन सी, विटामिन, जिंक, सेलेनियम युक्त खाद्य पदार्थ भोजन। इस के अतिरिक्त व्यायाम भी बहुत जरूरी है क्योंकि यह जहां बुरे कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करता है, वहीं अच्छे कोलेस्ट्रोल एच डी एल की मात्रा को बढ़ाता है। व्यायाम जैसे जोगिंग, पैदल चलना, तैराकी आदि करें और व्यायाम शुरू करने से पूर्व डाक्टर की सलाह अवश्य ले लें। 

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