लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, 57.87 प्रतिशत रही उत्पादकता

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Winter session of Parliament

नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा) ‘एक देश-एक चुनाव’ संबंधी विधेयक पेश किए जाने और कई विषयों को लेकर भारी हंगामे के साक्षी बने संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

कई मुद्दों पर गतिरोध के बावजूद कामकाज की उत्पादकता 57.87 प्रतिशत रही।

सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे आरंभ होने के बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को संसद की संयुक्त समिति के विचार के लिए भेजे जाने का प्रस्ताव रखा। सदन ने ध्वनिमत से इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को संसद परिसर में सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच हुई कथित धक्का-मुक्की की घटना का हवाला देते हुए कहा कि संसद की मर्यादा और गरिमा सुनिश्चित करना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि संसद के किसी भी द्वार और परिसर के भीतर धरना-प्रदर्शन नहीं करना है और यदि ऐसा होता है तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

इसके बाद बिरला ने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ की धुन बजाने के लिए कहा। ‘वंदे मातरम’ की धुन के पश्चात उन्होंने सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

सत्र के दौरान लोकसभा की 20 बैठकें हुईं, जो 62 घंटे तक चलीं और उत्पादकता 57.87 प्रतिशत रही।

सत्र के दौरान लोकसभा में पांच सरकारी विधेयक पुरःस्थापित किए गए और चार विधेयक पारित किए गए।

शून्यकाल के दौरान अविलंबनीय लोक महत्व के 182 मामले और नियम 377 के अंतर्गत 397 मामले उठाए गए।

कांग्रेस सांसदों, प्रियंका गांधी वाद्रा और रवींद्र चव्हाण ने इस सत्र के दौरान शपथ ली।

इस सत्र में सरकार ने ‘एक देश-एक चुनाव’ संबंधी विधेयक पेश किया, जिसका लगभग सभी विपक्षी दलों ने विरोध किया। बाद में इसे संसद की संयुक्त समिति के विचार के लिए भेजा गया।

गत 25 नवंबर को सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने अदाणी से जुड़े आरोपों, उत्तर प्रदेश के संभल की हिंसा तथा कुछ अन्य विषयों को लेकर जोरदार हंगामा किया और कई दिनों तक सदन की कार्यवाही बाधित रही।

संविधान की 75 गौरवशाली यात्रा पर चर्चा के लिए सरकार के सहमत होने के बाद सत्र की कार्यवाही आगे बढ़ी। लोकसभा में संविधान पर हुई दो-दिवसीय चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया।

लोकसभा ने वर्ष 2024-25 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के प्रथम बैच और उससे संबंधित विनियोग (संख्याक-3) विधेयक, 2024 को मंजूरी दी।

सत्र के दौरान लोकसभा में ‘रेल (संशोधन) विधेयक, 2024’, ‘बैंककारी विधियां (संशोधन) विधेयक, 2024’, ‘आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024’ पारित किए गए गए।

सरकार ने इस सत्र में लोकसभा में वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक, 2024 पेश किया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय व्यापार के अवसरों का विस्तार करने, जहाजों के स्वामित्व के लिए पात्रता मापदंड बढ़ाने और भारतीय टन भार में वृद्धि के लिए प्रावधान हैं।

इस सत्र के दौरान निचले सदन में सदस्यों ने लोक महत्व के कई मुद्दे उठाए और इनमें बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के विषय की गूंज सबसे अधिक सुनाई दी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया।

‘एक देश-एक चुनाव’ संबंधी विधेयक को पुर:स्थापित करने के लिए सदन में हुए मत विभाजन में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का इस्तेमाल किया गया। नए संसद भवन में यह पहला मौका था जब इलेट्रॉनिक मत विभाजन हुआ।

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