भोपाल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि अगर संसदीय और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं, तो इससे चुनाव खर्च में कमी आएगी और सरकारों को विकास कार्यों के लिए पूरे पांच साल मिलेंगे।
देश में एक साथ चुनाव कराने का प्रावधान करने वाले दो विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए। विपक्ष ने इस कदम को ‘‘तानाशाही’’ करार दिया।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री यादव ने मंगलवार रात कहा, ‘‘यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भाजपा के माध्यम से पेश की गई एक नयी अवधारणा है। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (अवधारणा) 1973 से पहले भी थी, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन के दौरान यह क्रम टूट गया।’’
भाजपा नेता ने बताया कि पहले लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव 11 करोड़ रुपये की लागत से हुए थे, जो अब बढ़कर 30 हजार करोड़ रुपये हो गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब चुनाव पूरे साल होते हैं। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (अवधारणा) के तहत एक साथ चुनाव होने से न केवल पैसे की बचत होगी, बल्कि सरकारों को विकास कार्यों को पूरा करने के लिए पूरे पांच साल मिलेंगे। यह एक अच्छा प्रस्ताव है।’’
यादव ने उम्मीद जताई कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव को संसद की मंजूरी मिल जाएगी और आगामी चुनावों में इसे लागू किया जाएगा।