नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के संदर्भ में की गई एक टिप्पणी को लेकर बुधवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और शाह से माफी की मांग की।
संसद भवन के ‘मकर द्वार’ के निकट कांग्रेस, द्रमुक और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसद एकत्र हुए और शाह की टिप्पणी को लेकर विरोध जताते हुए नारेबाजी की। उन्होंने ‘जय भीम’ और ‘बाबासाहेब का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ के नारे लगाए।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, द्रमुक नेता टी आर बालू और कई विपक्षी सांसद बाबासाहेब की तस्वीर लेकर प्रदर्शन में शामिल हुए।
कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया, ‘‘गृह मंत्री ने उच्च सदन में बाबासाहेब का अपमान किया है। ये लोग सिर्फ चुनाव और राजनीतिक हित के लिए बाबासाहेब का नाम लेते हैं। बाद में उनका अपमान करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए संविधान किसी पवित्र ग्रंथ से कम नहीं है और बाबासाहेब, भगवान से कम नहीं हैं। गृह मंत्री जी को देश से माफी मांगनी चाहिए।’’
कांग्रेस और विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया।
मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं , ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर…। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’